वायु प्रदूषण पर निबंध | Essay on Air Pollution in Hindi

वायु प्रदूषण पर निबंध | Essay on Air Pollution in Hindi | वायु प्रदूषण पर निबंध हिंदी में।

वायु प्रदूषण पर निबंध : हेलो जी आपका स्वागत है वायु प्रदूषण पर निबंध पोस्ट में। अगर आप इंटरनेट पर वायु प्रदूषण पर निबंध की तलाश कर रहे हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं।

इस पोस्ट में आपको वायु प्रदूषण पर निबंध और वायु प्रदूषण से जुड़ी हुई और भी बहुत सारी जानकारी मिलेंगी। जैसे कि वायु प्रदूषण पर निबंध, वायु प्रदूषण से निवारण क्यों जरूरी है, वायु प्रदूषण पर निबंध लिखा कैसे जाता है और भी बहुत कुछ।

तो बिना देर किए इस पोस्ट को शुरू करते हैं।अगर आपको पोस्ट अच्छा लगे तो आप इसे अपने दोस्तों से साझा जरूर करिएगा।

इसे भी पढ़े। 

वायु प्रदूषण पर निबंध | Essay on Air Pollution in Hindi | वायु प्रदूषण पर निबंध हिंदी में।

वायु पृथ्वी पर जीवन का एक आवश्यक तत्व है।इसी से प्राणियों और जीव जंतुओं को अक्सीजन प्राप्त होती है, जो की जीवन आधार है और इसी से वनस्पति को कार्बन डाइऑक्साइड मिलती है जिससे उसका पोषण होता है।वायु मंडल एक कंबल के समान है, जिसके ना होने से तापमान अधिक या अति न्युन हो जायेगा।वायु मंडल की हमारी अल्ट्रावायलेट किरणों से रक्षा करता है और उल्काओं को जला कर नष्ट कर देता है।

वायु का हमारे जीवन में महत्व :

जीवन की तीन अनिवार्य आवश्यकताएं हैं, वो हैं वायु, जल और भोजन।इनके बिना मानव जीवन संभव ही नहीं हैं।

इन तीनों में वायु सबसे अनिवार्य जरूरत है इसके बिना मानव का दो मिनट भी जीवित रहना मुश्किल होगा।इस तरह हम समझ सकते हैं की स्वच्छ वायु हमारे लिए कितना जरूरी है।

वायु गैसों का मिश्रण है, इस मिश्रण का लगभग 78% प्रतिशत भाग नाइट्रोजन और 21% भाग ऑक्सीजन है। कार्बन डाइऑक्साइड, मेथेन, आर्गन, जल वाष्प की भी वायु में अल्प मात्रा में मौजूद रहती हैं।

वायु प्रदूषण पर निबंध प्रस्तावना :

साधारण शब्दों में कहें तो स्वच्छ वायु में रसायन, सूक्ष्म पदार्थ, धूल, विषेली गैस, जैविक पदार्थ, कार्बन डाइऑक्साइड आदि के कारण वायु प्रदूषण होता है।जो की वातावरण में लगभग 24%है।

लेकिन धीरे धीरे पृथ्वी में हो रहे बदलाव के कारण ऑक्सीजन की मात्रा कम होती जा रही है, इसमें कई प्रकार की विषैली गैस घुल रही है।

वास्तव में वायु में उपस्थित गैसों पर बाहरी प्रभाव (प्राकृतिक अथवा मानवीय)ही वायु प्रदूषण के लिए उत्तरदायी है।हमारी पृथ्वी के वातावरण विभिन्न प्रकार की गैसों से मिलकर बना हुआ है, जिसमें मानव और अन्य जीव सजीव जंतुओं के जीवन के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है।

मानव द्वारा पृथ्वी पर फैलाए गए प्रदूषण के कारण मानव को ही नित नए नए रोगों से सामना करना परता है। दिन प्रति दिन पर्यावरण की ताजी ताजी हवा, जैविक अणुओं और अन्य हानिकारक सामग्री के मिलने के कारण प्रदूषित हो रही है।

वायु प्रदूषण से होने वाली समस्याएँ :

वायु प्रदूषण प्रमुख रूप से पर्यावरणीय समस्याओं में से एक है जिस पर ध्यान देने के साथ ही साथ के सामूहिक प्रयासों से सुलझाने की आवश्यकता है।वायु प्रदूषण प्रमुख पर्यावरणीय मुद्दों में से एक है।

वायु प्रदूषण के कारण ओजोन परत भी बहुत ही अधिक प्रभावित हो रही है।मनुष्य की हमेशा बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण उनकी आवश्यकता में भी वृद्धि हो रही है जो की प्रदूषण का मुख्य कारण बन रही है।

मनुष्य की दैनिक गतिविधियां बहुत से खतरनाक रसायनों, वातावरण को गंदा करने का कारण होती है, जो की जलवायु में नकारात्मक परिवर्तन के लिए मजबूर करती है।

औद्योगीकरण की प्रक्रिया में कई हानिकारक गैसों, कणों, पेंट और बैटरियों का आक्रामक संचालन, सिगरेट आदि कार्बन मोनो ऑक्साइड, परिवहन के साधन कार्बन डाई ऑक्साइड और अन्य जहरीली पदार्थों को वातावरण में छोड़ते हैं।

सभी तरह के प्रदूषण पर्यावरण से जुड़े हुए हैं, जो ओजोन परत को हानि पहुंचा कर सूर्य की हानिकारक किरणों पर पृथ्वी पर आमंत्रित करते हैं।

वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए हमें दैनिक आधार पर अपनी क्रिया कलापों में बड़े स्तर पर परिवर्तन लाने होंगे।

हमें वायु प्रदूषण के प्रभावों को कम करने के लिए पैरों को नहीं काटना चाहिए, सार्वजनिक परिवहनों का ही प्रयोग करना चाहिए, छिड़काव करने वाली कैनों को वर्जित करना चाहिए और अन्य उन गतिविधियों को करना चाहिए जो की वातावरण को प्रदूषित करने वाली तत्वों को रोकने में सहायक हो।

जीव मंडल और वायु। 

जीव मंडल का आधार वायु है। वायु में उपस्थित ऑक्सीजन पर ही जीवन निर्भर है। प्राणी वायुमंडल से ऑक्सीजन ग्रहण करते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड निष्कासित करते हैं, जिसे हरे पौधे ग्रहण कर लेते हैं और एक संतुलित चक्र चलता रहता है।

किंतु इस संतुलन में उस समय रुकावट आ जाती है जब उद्योगों, वाहनों और घरेलू उपयोगों से निकलता हुआ धुआं एवम अन्य सूक्ष्म कण, विभिन्न प्रकार के रसायनों से उत्पन्न विषैली गैसे, धूल के कण, रेडियोधर्मी पदार्थ आदि वायु में प्रवेश करके, स्वास्थ्य के लिए ही नहीं अपितु समस्त जीव जगत के लिए हानिकारक बना देते हैं।

यही वायु प्रदूषण या वायु मंडलीय प्रदूषण कहलाता है।वायु प्रदूषण उसी समय प्रारंभ होता है जब वायु में अवांछित तत्व एवम गैस आदि समाविष्ट हो जाते हैं, जिससे उसका प्राकृतिक स्वरूप विनष्ट हो जाता है और उससे हानि होने की संभावना अधिक हो जाती है।

वैसे तो वायु प्रदूषण की समस्या कोई नई नहीं है क्योंकि अनेक प्राकृतिक  कारणों जैसे ज्वालामुखी का विस्फोट, तेज हवाओं से मिट्टी के कणों का वायु में मिलना या जंगल की आग से प्राचीन काल से वायु प्रदूषण होता आ रहा है।

जब से मानव ने आग का प्रयोग प्रारंभ किया, तभी से ही प्रदूषण का भी प्रारंभ हो गया। पशु चरण से उरने वाली रेत, खनन से प्रदूषित वायु मंडल या गंदगी से सूक्ष्म जीवाणुओं का वायु में फैल जाना प्राचीन काल से ही होता आ रहा है।

किंतु तब तक समस्या यह नहीं थी, क्योंकि तभी जनसंख्या भी सीमित थी, आवश्यकताएं भी कम थीं, ईंधन का उपयोग बहुत ही कम किया जाता था। 

प्राकृतिक वाणो का प्रयाप्त विस्तार था जिसके कारण प्रदूषित पदार्थ पर्यावरण से अपने आप ही नष्ट हो जाते थे, उनसे किसी भी प्रकार की हानि नहीं होती थी, क्यूंकि वायुमंडलीय प्रक्रिया में स्वतः ही शुद्ध एवम संतुलित होने की अपूर्व क्षमता होती है।

किंतु आज की औद्योगिक, वैज्ञानिक एवम तकनीक प्रगति ने इस गणित को गलत कर दिया है, क्योंकि मानव तेजी गति से वायु मंडल में आवशिस्ट पदार्थ विस्तारित करने लगा है, जो की वायु प्रदूषण का मूल कारण है।

वायु प्रदूषण रोकने के उपाय :

अगर हमें वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाना है, तो हमें अधिक से अधिक मात्रा में पैर पोधे लगाने चाहिए, क्योंकि पेड़ पौधे से ऑक्सीजन प्राप्त होता है और यह कार्बन डाइऑक्साइड लेते हैं जिसके कारण ज्यादातर प्रदूषित हवा साफ हो जाती है।

वर्तमान में पैर पौधों को अधिक मात्रा में काटा जा रहा है, जिसके कारण वायु प्रदूषण अधिक मात्रा में फैल रही है।आज पूरी दुनियां जनसंख्या वृद्धि समस्या से जूझ रही है।

अगर हम जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण कर लेते हैं तो वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की भी कमी होगी और हमें कम उद्योग, धंधे लगाने की आवश्यकता होगी, जिससे की प्रदूषण की मात्रा में काफी कमी आयेगी।

वायु प्रदूषण का मुख्य कारण जनसंख्या वृद्धि है। हमें उन कल कारखानों को बंद कर देना चाहिए जिनसे की अधिक मात्रा में प्रदूषण होता है और जिन कल कारखानों की हमें आवश्यकता है उनकी चिमनियों की ऊंचाई अधिक होनी चाहिए, जिससे हमारा वायुमंडल कम से कम प्रभावित हो।

इसे भी पढ़े। 

हमें ऊर्जा के लिए नए नए स्रोत खोजने चाहिए। हमें कोयले और परमाणु ऊर्जा का इस्तमाल कम करना चाहिए और सौर ऊर्जा का अधिक इस्तेमाल करना चाहिए जिसके कारण वायु प्रदूषण भी नही होगा और हमें पूरी तरह से ऊर्जा भी मिलती रहेगी।

हमारे पूरे देश भर में जब भी किसी नए चीज का निर्माण होता है तो वह खुले में होता है जिसके कारण हमारे चारों ओर धूल मिट्टी आदि उड़ती रहती है और पूरा वातावरण प्रदूषित हो जाता है।

जब भी हम निर्माण स्वयं करें तो उसे किसी कपरे से ढंक कर करना चाहिए जिससे वायु प्रदूषण नहीं हो। अगर हमें वायु प्रदूषण को कम करना है तो हमें अधिक मात्रा में सार्वजनिक वाहनों का उपयोग करना चाहिए जिससे की प्रदूषण कम से कम फैल सके।

वायु प्रदूषण की समस्या के प्रति लोगों की जागरूकता। 

वायु प्रदूषण की समस्या के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए सरल शब्दों में नारे (स्लोगन) तैयार किए गए हैं जो आसानी से समझ आ जाते हैं और लंबे समय तक याद भी रहते हैं। जो की निम्नलिखित हैं 

  • स्वच्छ वायु के लिए हमें कुछ कर दिखाना होगा।पैरों, बाग बगीचों को हमें कटने से बचाना होगा।
  • तरक्की की क्या हमने गढ़ी कहानी है, वायु प्रदूषण इसकी सबसे बड़ी निशानी है।
  • जागरूक नागरिक बनिए, वायु प्रदूषण फैलाने से बचिए।
  • वायु प्रदूषण को मिलकर हटाए, आओ सब मिलकर ढेर सारे पेड़ लगाएं।
  • कुछ पाने की हमने बड़ी कीमत चुकाई, अपनी सांसों को खुद हमने जहरीली हवा पिलाई।
  • जागो तुम, जागेगा भारत, शुद्ध वायु पाएगा भारत।
  • बच्चों की भविष्य की ओर देखो, वायु प्रदूषण को रोको।
  • सबका एक ही नारा, प्रदूषण मुक्त हो देश हमारा।

वायु प्रदूषण पर निबंध निष्कर्ष :

अतः उपर्युक्त तथ्यों के माध्यम से वायु प्रदूषण, उसके कारण और उसके निवारण को बहुत ही अच्छी तरीके से समझा जा सकता है।

वायु प्रदूषण जान लेवा है, इस पर नियंत्रण किया जाना अति आवश्यक है नहीं तो पृथ्वी पर जीवन का नामो निशान ही मिट जायेगा।

जब तक हमलोग वायु प्रदूषण को कम करने के बारे में नहीं सोचेंगे तब तक वायु प्रदूषण कम नही हो सकता है क्योंकि हमारी सरकार हर गली मुहल्ले में जा कर वायु प्रदूषण पर नियंत्रण नहीं लगा सकती है।

इसलिए हमें आगे आकर लोगों को वायु प्रदूषण के बारे में बताना होगा और इसके उपायों के बारे में समझाना होगा तभी जाकर हम वायु प्रदूषण पर नियंत्रण कर सकते हैं।

स्वार्थपरता से ऊपर उठकर दुनियां के सभी देशों को इसमें अपनी भूमिका का सक्रियता से निर्वहन करने की जरूरत है।

अतःवायु प्रदूषण दुनिया में तेजी से बढ़ रही एक समस्या है, जिसकी रोकथाम करने के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करना चाहिए।

जिससे हमारे देशवासी खुद को सुरक्षित अनुभव कर अपना अपना योगदान हमारे देश की तरक्की में दे सकें। जिससे हमारा देश प्रगति के पथ पर अग्रसर हो सके।जो की हमारे वो हमारे समाज, राष्ट्र, देश आदि सबों के लिए एक बहुत ही सम्मान वो गर्व की बात है। 

वायु प्रदूषण पर निबंध 150 शब्दों में। Essay on Air Pollution in 150 Words.

वायु प्रदूषण पर निबंध 150 शब्दों में।
वायु प्रदूषण पर निबंध 150 शब्दों में।

दुनिया के लगभग सभी देश वायु प्रदूषण की समस्या से ग्रसित है, लेकिन सबसे ज्यादा चिंता का विषय हमारे देश भारत के लिए है क्योंकि वायु प्रदूषण के मामले में दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहर हमारे देश भारत में ही है।

जिसके कारण देश के अन्य शहरों में भी जीना काफी मुश्किल हो रहा है।

जैसे जैसे पृथ्वी के वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ती जा रही है, उसके कारण पृथ्वी की रक्षा करने वाली ओजोन परत पतली होती जा रही है।

जिसके कारण सूची से आने वाली हानिकारक किरणें हमारे उपर परती है, जिससे त्वचा का कैंसर जैसी बीमारियां होती जा रही हैं।

हवा के प्रदूषित होने के कारण अस्थमा, दमा, कैंसर, सिर दर्द, पेट की बीमारियां, एलर्जी, दिल की बीमारी हो सकती है।जो की हमारे स्वास्थ के लिए काफी हानिकारक है।

इन बीमारियों के कारण प्रतिदिन कई लोगों की मृत्यु हो रही है।हमारे वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा 24% थी लेकिन अब धीरे धीरे उसकी मात्रा कम होती जा रही है।

एक रिसर्च के अनुसार, हमारे वातावरण में अभी ऑक्सीजन की मात्रा 22% ही रह गई है।

वायु प्रदूषण पर निबंध 20 लाइन। Essay on Air Pollution in 20 Lines.

वायु प्रदूषण पर निबंध 20 लाइन में।
वायु प्रदूषण पर निबंध 20 लाइन में।
  • वायु प्रदूषण पूरी वायुमंडलीय हवा में बाह्य तत्वों का मिश्रण है।
  • बढ़ती हुई जनसंख्या, औद्योगिकीकरण, वाहनों,हवाई जहाज आदि ने इस मुद्दे को गंभीर पर्यावरण का मुद्दा बना दिया है।
  • हानिकारक रासायनिक तत्व जैसे कार्बन, नाइट्रोजन, कार्बन मोनोऑक्साइड आदि ताजी हवा में मिश्रित हो रहे हैं।
  • वायु प्रदूषण ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ने का भी कारण है।
  • वातावरण का तापमान ग्रीन हाउस गैसों के स्तर के बढ़ने के कारण भी हैं।
  • बढ़ता हुआ वायु प्रदूषण कई घातक रोगों( कैंसर, हार्ट अटैक, अस्थमा आदि) और मृत्यु का कारण बन रहा है।
  • प्राकृतक  स्रोतों ज्वालामुखी विस्फोटक, रेत संकुचन, धूल, जंगलों की आग, ब्रह्मांडल कण, वायरस, बैक्ट्रीया आदि के कारण भी वायु प्रदूषण होता है।
  • सामूहिक प्रयासों के द्वारा वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
  • वृक्षारोपण को बढ़ावा देना और भी बहुत से सकारात्मक प्रयासों को करने की आवश्यकता है।
  • वायु प्रदूषण आज के समय में एक सबसे ज्वलंत मुद्दा है, ना सिर्फ भारत के लिए अपितु पूरे विश्व के लिए भी।
  • वायु प्रदूषण के कारण लाखों लोग हर साल अपना जीवन गवां रहे हैं।
  • वायु प्रदूषण विभिन्न तरह की खतरनाक बीमारियों को जन्म देता है।
  • पर्यावरण का संतुलन लगातार बिगड़ता जा रहा है, तापमान बढ़ने के कारण ग्लोबल वार्मिंग हो रही है।
  • वायुमंडल में लगातार विजातीय पदार्थ की मात्रा में बढ़ोतरी वायु प्रदूषण की ओर संकेत करती है।
  • वायु प्रदूषण पृथ्वी की पूरी पारिस्थितिक तंत्र को बिगाड़ रहा है और मानव जीवन की गुणवत्ता को भी काम कर रहा है।
  • धूल, मिट्टी, उद्योगों से निकलने वाले धुवां, गाड़ियों से निकलने वाले खतरनाक गैस वायु प्रदूषण के मुख्य कारण हैं।
  • वायु प्रदूषण के कारण लगातार ओजोन परत को काफी क्षति पहुंच रही है।
  • वायु प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में बहुत ही अधिक कठिनाई होती है, साथ ही साथ यह दिनों दिन  लोगों की मृत्यु का कारण भी बनती जा रही है।

वायु प्रदूषण पर निबंध कैसे लिखें ? How to write Essay on Air Pollution in Hindi ?

वायु प्रदूषण पर निबंध कैसे लिखें
वायु प्रदूषण पर निबंध कैसे लिखें

वायु प्रदूषण पर निबंध लिखने के लिए सबसे पहले हमें वायु प्रदूषण की परिभाषा लिखना चाहिए, तत्पश्चात वायु प्रदूषण होने के कारण, वायु प्रदूषण के कारण हमारे स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव, वायु प्रदूषण से निपटने के उपाय और अंततः निष्कर्ष लिखना चाहिए।

वायु प्रदूषण पर निबंध में हमें सबसे पहले यह जानना होगा की वायु प्रदूषण क्या है। मनुष्यों और अन्य जीवित प्राणियों के स्वास्थ्य के लिए हानिप्रद ऐसे तत्व प्रदूषक कहलाते हैं जो प्राकृतिक तौर पर वायु में नहीं पाए जाते हैं और वायु में प्रदूषकों के मिलने से वायु प्रदूषण होता है।जब वायु में प्रदूषक तत्व उपस्थित होते हैं तो कहा जाता है की वायु प्रदूषित है।

वायु प्रदूषण पर निबंध निष्कर्ष। 

हमें उम्मीद है की वायु प्रदूषण पर निबंध पोस्ट आपको अच्छा लगा होगा । अगर आपके मन में कुछ सवाल है वायु प्रदूषण पर निबंध से सम्बंधित तो आप हमें कमेंट के माध्यम से पूछ सकते है। वायु प्रदूषण पर निबंध पोस्ट को पढ़ने के लिए धन्यबाद। 

Leave a Comment