नारी शिक्षा पर निबंध [ नारी शिक्षा पर निबंध हिंदी में ] Nari Shiksha par Nibandh

नारी शिक्षा पर निबंध [नारी शिक्षा पर निबंध हिंदी में ] Nari Shiksha par Nibandh |Essay on Women Education in Hindi

Nari Shiksha par Nibandh: Hello, जी आपका स्वागत है नारी शिक्षा पर निबंध पोस्ट में। अगर आप इंटरनेट पर नारी शिक्षा पर निबंध की तलाश कर रहे है तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए है।

इस पोस्ट में आपको नारी शिक्षा से जुड़ी हुई बहुत सारी जानकारियां मिलेंगी।जैसे : नारी शिक्षा पर निबंध, नारी शिक्षा क्यों जरूरी है, नारी शिक्षा पर निबंध लिखा कैसे जाता है, और भी बहुत कुछ।

तो बिना देर किए इस पोस्ट को शुरू करते है।अगर आपको पोस्ट अच्छा लगे तो इसे अपने दोस्तों के साथ साझा जरूर कीजियेगा ।

आप इसे भी पढ़ सकते है। 

नारी शिक्षा पर निबंध हिंदी में। Nari Shiksha Par Nibandh

नारी शिक्षा (परिचय) : नारी शिक्षा का आशय नारी के, महिलाओं के, लड़कियों के शिक्षित होने से है। कहा जाता है की जन्मोप्रांत बच्चो की पहली गुरु उसकी मां ही होती है। अगर उनकी मां ही अशिक्षित रहे, अनपढ़ रहे, असाक्षर रहे, तो भला उसके बच्चो को शिक्षित करना कैसे आसान हो सकता है।

हमारे देश भारत में आज भी बहुत सारी ऐसी महिलाएं है जो की पढ़ी लिखी नही है यानि की अशिक्षित है, और उसका मुख्य कारण उसकी गरीबी, जागरूकता का अभाव , शिक्षा के महत्व को न समझ पाना है परंतु आज धीरे धीरे मानव नारी शिक्षा के महत्व को समझ रहे है और उसे अपनाकर उसका इस्तेमाल भी कर रहे है।

कहा जाता है की किसी भी चीज को संतुलित बनाए रखने के लिए उसके आगे पीछे, अगल बगल , उन सभी चीजों को रखना चाहिए जो उसको संतुलित बनाए रख सके। ठीक उसी प्रकार किसी घर में संतुलन बनाए रखने के लिए उसके परिवार में पुरुष और नारी दोनो का शिक्षित होना अति आवश्यक है।

अक्सर ऐसा कहा जाता है की बच्चो को सबसे अधिक लगाव उसके मां से होता है।  चाहे वो बच्चा लड़की हो या लड़का। फिर यदि बच्चे की मां ही अशिक्षित रहेगी तो फिर बच्चा पूरी तरह से कैसे शिक्षित हो सकता है जो की हमारे देश का भविष्य है।

अतः हमारे देश के भविष्य को ध्यान में रखते हुए नारी शिक्षा पर जोर देना अतिआवश्यक है जो की हमारे देश भारत के लिए एक बारे ही गर्व की बात है।

नारी शिक्षा का महत्व : जैसा की हमलोग जानते है की, नारी की शिक्षा का आशय उनके शिक्षित होने से, उनके साक्षर होने से तथा सभी के साथ संतुलित व्यवहार करने से है।

प्राचीनकाल में तो नारी के अस्तित्व को चूल्हे चौके से बांधकर घर की चार दीवारों तक ही सीमित रखा जाता था । उन्हे पढ़ने लिखने ,साक्षर होने, शिक्षित होने का कोई भी मौका नहीं दिया जाता था क्योंकि उस समय इसकी जरूरत समझी ही नही जाती थी जो की एक संकीर्ण विचारधारा का प्रतीक है।

परंतु आज के समय यानी की आधुनिक समय में नारी सशक्तिकरण के कारण ही महिलाओं को यह मौका मिल सका है की वो खुद को सबके सामने, यानी की पूरी दुनिया के सामने, समाज के सामने साबित कर सके, उन्हे दिखा सके की महिलाएं भी किसी पुरुष से कम नही होती ।

ये सिद्ध कर सके की उन्हे कमजोर समझने वाले व्यक्ति कितने गलत थे। अतः महिलाओं के सम्मान के लिए ये कहना गलत नही होगा की नारी कोमल है, कमजोर नही शक्ति का नाम ही नारी है।

ऐसी और बहुत सारे उदाहरण है जो की यह दर्शाते है की महिलाएं किसी पुरुषों से कम नही बल्कि उनसे बढ़ कर है।

जैसे: अंतरिक्षयान पर जाने वाली प्रथम भारतीय महिला कल्पना चावला, भारत की प्रथम महिला राज्यपाल : सरोजिनी नायडू , भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति (प्रेसिडेंट) प्रतिभा देवी सिंह पाटिल आदि और भी बहुत सारे ऐसे उदाहरण है। 

जो दर्शाते हैं कि यदि महिलाओं को भी पुरुषों के बराबर मौका दिया जाए तो वो बहुत आगे तक जा सकती है जो की हमारे समाज, हमारे राष्ट्र, हमारे देश के लिए बहुत ही गर्व की बात है।

यदि हमारे देश की महिलाएं और पुरुष एक साथ मिल कर बिना एक दूसरे में किसी तरह का भेद भाव किए काम करे तो हमारा देश काफी तरक्की करेगा वो विकासशील देश की बजाय विकसित देश में गिना जाएगा जो की हमारे वो हमारे देश के लिए बहुत ही सम्मान वो गर्व  की बात है।

उपसंहार : अतः उपर्युक्त तथ्यों के माध्यम से यह स्पष्ट होता है की आधुनिक युग में नारी शिक्षा कितना कितना महत्वपूर्ण है। यदि महिलाओं और पुरुषों के बीच बिना किसी भेद भाव के उनको बराबर का अधिकार दिया जाए तो महिलाए यह साबित कर सकती है की वो भी किसी से कम नही।

महिलाओं के प्रति संकीर्ण विचारधारा रखने वालो की सोच को बदल सकती है।जो की एक नई क्रांति से कम नही है हमारे समाज और हमारे देश के लिए।

यदि महिलाएं ओर पुरुष कंधे से कंधा मिलाकर काम करे तो न केवल उनकी पारिवारिक स्थिति, मानसिक स्थिति ठीक होगी वरना हमारे समाज और देश का भी विकास संभव हो पाएगा ।

अतः उपर्युक्त तथ्यों से यह स्पष्ट हो जाता है की नारी शिक्षा हमारे समाज और हमारे देश, हमारे राष्ट्र सभी के लिए एक वरदान से कम नही है।

नारी शिक्षा पर निबंध 300 शब्दों में। Nari Shiksha Par Nibandh 300 Words me.

नारी शिक्षा पर निबंध 300 शब्दों में।
नारी शिक्षा पर निबंध 300 शब्दों में।

नारी शिक्षा का तात्पर्य नारियों के, लड़कियों के, महिलाओं के शिक्षा-दीक्षा से है। अक्सर ऐसा देखने को मिलता है की बेटों को पढ़ाया जाता है, वो नही पढ़ना चाहे फिर भी उन्हें किसी चीज का लालच देकर स्कूल ,कोचिंग आदि भेजा जाता है।

वो पढ़ सके इसके लिए उनके माता पिता  उनके परिवारजन उनकी सभी इच्छाओं का विशेष रूप से खयाल रखते है।  उनके एक बार बोलने पर उनकी अनावश्यक इच्छाएं भी पूरी की जातीहै ताकि वो पढ़ सके। स्कूल जा सके, समाज में एक अच्छा इंसान बन सके और अपनी पहचान बना सके।

ठीक इसी के विपरित, यदि लड़की पढ़ना चाहे भी तो उन्हें पढ़ने नही दिया जाता, स्कूल, कोचिंग आदि नही जाने दिया जाता।उनके अस्तित्व को चूल्हे-चौके तक ही सीमित रखा जाता है। 

उनका अस्तित्व घर के चार दीवारों तक ही सीमित रह जाता है। घर के सारे काम को करते हुए भी अगर लड़की पढ़ना चाहें तो उनसे बोला जाता है की तुम पढ़ लिख कर क्या करोगी।  आखिर बनाना तो तुमको खाना ही है, चूल्हा चौका ही फूंकना है। और भी बहुत कुछ बोलकर उन्हे चुप करा दिया जाता है।उनके मौलिक अधिकारों को उनसे छीन लिया जाता है।

लेकिन ऐसा करना यानी की बेटा और बेटी में भेद करना   बिलकुल ही गलत बात है। 

क्या होगा यदि नारियों को पुरुषों के बराबर का अधिकार दिया जाए: यदि नारी या लड़की को पुरुषों के बराबर का मौका दिए जाए तो लड़कियां हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगी।

उन्हे किसी भी तरह से शिकायत का मौका नहीं देंगी। जिस तरह से गाड़ी को बिना किसी रुकावट के चलाने के लिए उसमे 2 या 3 या 4 पहिए की आवश्यकता होती है, ठीक उसी प्रकार नारी और पुरुष हमारे समाज के दो पहिए है और वो दोनो जबतक स्वयं को एक दूसरे के बराबर में संतुलित नही कर लेते तब तक उनके जिंदगी का सफर ऐसे ही डगमाता हुआ असंतुलित ही रहेगा।

धीरे धीरे समय बदल रहा है और समय के साथ साथ लोग और उसके सोच भी बदल रहे है। जागरूकता के क्षेत्र में कदम रखने पर लोग यह अनुभव करने लगे है की आज के क्षेत्र में नारी शिक्षा भी कितना जरूरी है और वो नारी शिक्षा के प्रति अपनी संकीर्ण विचारधारा को त्याग कर नवीन विचार धारा को अपनाने लगे है।

इसका परिणाम हमे देखने भी मिलने लगा है की हर क्षेत्र में लड़किया पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है.. उन्हे किसी प्रकार से शिकायत का मौका नहीं दिया जा रहा है। यहां तक कि हमे स्कूल ..कॉलेज में यह भी देखने को मिलता है की लड़किया ही परीक्षा फल में पुरुषों को मात दे कर अपना परचम लहरा रही है।

नारी शिक्षा पर निबंध 250 शब्दों में। Nari Shiksha Par Nibandh 250 Words me. 

नारी शिक्षा पर निबंध 300 शब्दों में।
नारी शिक्षा पर निबंध 300 शब्दों में।

अगर किसी  एक घर की नारी शिक्षित होती है तो वो अपने पूरे परिवार का खयाल अच्छे से रख सकती है।  आने वाले पीढ़ी को पढ़ा भी सकती है और अगर उन्हें मौका दिया  जाए कुछ करने का तो अपने पति, जीवनसाथी के साथ मिलकर घर की जिम्मेदारियां उठने में उनका मदद भी कर सकती है। 

जो की हमारा, हमारे समाज का और हमारे राष्ट्र के विकास में काफी मददगार साबित हो सकती है। आज के समय में लड़किया शिक्षित हो इसके लिए सरकार भी काफी सुविधाएं दे रही है जैसे : मुफ्त भोजन योजना, साइकिल योजना, स्कूल यूनिफॉर्म के लिए राशि , किताब खरीदने के लिए राशि , 12 वर्ष या उससे अधिक वर्ष के लार्कियों को हर एक महीने  मुफ्त नैपकिन का रुपया।

जिससे की उनके माता पिता को भी लगे की बेटियों को भी पढ़ना चाहिए। सरकार ने एक और महत्वपूर्ण योजना लड़किया के लिए चलाई है और वो ये है की कोई भी लड़की ( जो गरीबी से विलोंग करती है) को आंगनबाड़ी के तहत 12 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले लड़कियों को मुफ्त में हर महीने जबतक उसकी शादी न हो जाए उसे चावल, दाल ,आलू और अंडे दिए जाते है ।

जिससे की वो  कुपोषण का शिकार न पाए। आज के समय में यदि कोई भी स्त्री गर्व धारण करती है तो वो अस्पताल में जाकर जेंडर चेक करवाती है ताकि इससे पता चल सकें की उसके गर्व में पल रहा बच्चा लड़का है या लड़की।

यदि उन्हे पता चल जाता है की उसके गर्व में पल रहा बच्चा लड़का है तो वो और उसके परिवार  बहुत खुश होते है, ठीक इसी के विपरित यदि उन्हे यह पता चले की गर्व में पल रहा बच्चा लड़की है तो तुरंत दुखी होकर उन्हें इस दुनिया में आने से पहले ही गर्व में ही मार दिया जाता है ।

जिसे की भ्रूण हत्या कहा जाता है, जो की एक कानूनन अपराध है । ऐसा करने वालों को सरकार अपराधी मानकर उन्हें सजा भी देती है जिससे की भ्रूण हत्या की दर कम हो रही है जो की नारी शिक्षा को आगे बढ़ाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देती है।

नारी शिक्षा पर निबंध 100 शब्दों में। Nari Shiksha Par Nibandh 100 Words me.

नारी शिक्षा पर निबंध 250 शब्दों में
नारी शिक्षा पर निबंध 250 शब्दों में

नारी शिक्षा का तात्पर्य नारियों, महिलाओं, लड़कियों के शिक्षा-दीक्षा से है। जैसा की हमलोग जानते है की प्राचीन काल में लड़कियों को पढ़ाई लिखाई से बहुत दूर रखा जाता था, उनके साथ बुरा व्यवहार किया जाता था, उनके अस्तित्व को चूल्हे चौके तक ही सीमित रखा जाता था।

उनके लाख चाहने के बावजूद भी, उनसे  शिक्षा का अधिकार यानी की मौलिक अधिकार छीन लिया जाता था। तत्पश्चात महिलाएं इन सभी गलत व्यवहार से तंग आकर एक जुट होकर आवाज उठाई जिसे की नारी सशक्तिकरण कहा जाता है। नारी सशक्ति  करण के कारण ही  नारी शिक्षा पर बात .. विमर्श चला और अंततः महिलाओं को भी पढ़ने का ..साक्षर बनने का मौका मिला जिनसे की उनकी अपनी अपनी हर एक क्षेत्र में अलग अलग पहचान बनने लगी। जो लोग ये सोचते थे की महिलाए तो कमजोर होती है .. उनसे ये काम नहीं होगा.. वो काम नही होगा.. तो आज के समय यानी की आधुनिक युग में उनका सोच एक संकीर्ण विचारधारा बनकर ही रह गया है। ये बात अलग है की नारी कोमल होती है .. नरम दिल की ..कोमल दिल की होती है ।उनका दिल बहुत जल्दी ही पिघल जाता है परंतु इसका ये बिलकुल भी  मतलब नही है की नारी कमजोर होती है। नारी तो दुर्गा .. काली ..लक्ष्मी ..सरस्वती.. आदि का स्वरूप होती है जो  काफी छोटा से छोटा और बड़ा से बड़ा काम भी  बहुत दृढ़ता से कर लेती है।

नारी शिक्षा पर निबंध कैसे लिखे ? Nari Shiksha Par Nibandh Kaise Likhe ?

नारी शिक्षा पर निबंध कैसे लिखे
नारी शिक्षा पर निबंध कैसे लिखे ?

जैसा की हमलोग जानते है की नारी शिक्षा का तात्पर्य नारी के साक्षर होने से है। नारी शिक्षा पर निबंध लिखने से पहले हमे उनके प्राचीन काल के अस्तित्व, आधुनिक काल के अस्तित्व और होने वाले भविष्य काल में नारी की स्थिति को ध्यान में रखना होता है।

नारी शिक्षा का आशय केवल  किताबें पढ़ लिख कर अपनी ज्ञान को एक डिग्री के रूप में संजो कर रखने से नही है बल्कि उसका आशय इससे है की यदि कोई भी नारी पढ़ लिख कर साक्षर बन जाती है या फिर इस लायक बन जाती है की खुद के पैरो पर खरा हो सके तो ऐसा करने से पहले उन्हे अपने व्यवहार में परिवर्तन लाना होगा ।

अपने ज्ञान से दूसरों को साक्षर करना, उन्हे जागरूक बनाना, संकीर्ण विचारधारा को त्याग कर नवीन विचारधाराओं को पहुंचा कर उन्हे अपने व्यवहार में समाहित करने से है।

शिक्षा न केवल एक डिग्री है बल्कि ये एक ऐसी अमूल्य वस्तु है जिसे यदि कोई अपने व्यवहार में समाहित कर ले, तो वो व्यक्ति उतना ही ज्यादा चमकने लगता है। 

समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों में से एक हो जाता है ।कुछ बातें हम खुद समाज में देख कर समझ जाते है। जैसे जिस घर में शिक्षित नारी है उसके घर का माहोल, व्यवहार, रहन सहन खान पान आदि का कैसा होता है और जिस घर में अशिक्षित नारी है उसके घर का माहोल, व्यवहार, रहन-सहन, खान-पान आदि कैसा होता है।

Leave a Comment