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महंगाई पर निबंध [ महंगाई पर निबंध हिंदी ] | Mehangai Essay in Hindi.

महंगाई पर निबंध [ महंगाई पर निबंध हिंदी ] | Mehangai Essay in Hindi. Mehangai par nibandh in hindi

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जैसे महंगाई पर निबंध, इसका क्या प्रभाव परता है हमारे समाज पर और समाज में रहने वाले लोगों पर, इसको लिखा कैसे जाता है आदि और भी बहुत सारी जानकारियां मिलेंगी ।

तो बिना देर किए इस पोस्ट को शुरू करते हैं। अगर आपको पोस्ट अच्छा लगे तो इसे अपने दोस्तों के साथ साझा जरूर करिएगा।

जरूर पढ़े। 

महंगाई पर निबंध [ महंगाई पर निबंध हिंदी ] | Mehangai Essay in Hindi | Mehangai par nibandh in hindi

महंगाई पर निबंध
महंगाई पर निबंध

महंगाई का तात्पर्य किसी भी वस्तु को उसके मूल कीमत से भी ज्यादा कीमत पर बेचने से है अर्थात किसी वस्तु को उसके मूल कीमत से भी ज्यादा कीमत पर बेचने को महंगाई कहा जाता है।

दूसरे शब्दों में, किसी वस्तु को खरीद कर उसके विक्रय मूल्य में अधिक से लाभ या मुनाफा कमाना ही महंगाई कहलाता है।

महंगाई के कारण ही आज हमारे देश की अर्थव्यस्था में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिलती है। आज के समय में हमारे लिए महंगाई एक बहुत ही गंभीर समस्या बनी हुई है जिसको चाह कर भी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है।

प्रस्तावना : कुछ समस्या मनुष्य के जीवन के साथ साथ हमेशा चलती रहती हैं जिसका नाम गरीबी और महंगाई है।आज के इस महंगाई के दौर में मनुष्य अपने रोजाना की आय से कितना भी बचत क्यों न कर लें परंतु वो अपने और अपने परिवार की जरूरतों का सामान भी सही तरीके से नहीं खरीद पाते हैं।

आज के इस महंगाई को नजर रखते हुए मनुष्य दो वक्त की रोटी भी चैन से नहीं खा पा रहा है क्योंकि उन्हें उनके कार्य के अनुसार मजदूरी ही नही मिल पाती है और उसका मुख्य कारण बेरोजगारी का बोल बाला है क्योंकि बेरोजगारी , महंगाई,

आदि एक ही सिक्के के दो पहलू हैं जिसे की चाह कर भी अलग नही किया जा सकता।यदि कोई एक चीज खतम हो जाए तो दूसरा खुद वो खुद ही धीरे धीरे समाप्त हो जायेगी।

बढ़ती हुई महंगाई हमारे देश भारत किसी भी अन्य देश के विकास में एक बहुत ही बरी समस्या है। सरकार अक्सर न्यूज पेपर या फिर न्यूज में या फिर किसी सेमिनार में ही जा कर एक तरफ महंगाई को काम करने की बात करती है तो वहीं दूसरी तरफ महंगाई दूसरी तरफ दिन प्रतिदिन बढ़ती ही चली जा रही है।

जैसे की मानों आसमान छू रही हों।बहुत सारे व्यक्ति ऐसे भी हैं जो की बढ़ती महंगाई को देख कर शहर में अपना जीवन यापन करने में समर्थ नहीं हैं जिनके कारण उन्हें अपने गांव में जा कर रहना परता है।

महंगाई के कारण। 

जैसा की हमलोग बहुत अच्छे से जानते हैं की हमारे देश भारत में महंगाई की क्या स्थिति है ,यह कितनी ज्यादा बढ़ गई है परंतु इसके बढ़ने में बहुत सारे कारक जिम्मेदार हैं जिनमें की प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं 

फसल या उत्पादों की काम आपूर्ति होना वस्तुओं और उत्पादों की कालाबाजारी करना वस्तुओं और उत्पादों की कीमत की उसके मूल कीमत से बढ़ा कर बेचना आदि।

महंगाई की समस्या केवल भारत की ही नहीं वरन पूरे विश्व की एक बहुत ही गंभीर समस्या बन गई है जो की रुकने का नाम ही नहीं ले रही, लगातार बढ़ती ही चली जा रही है।

भारत जैसे विशाल देश में महंगाई का एक प्रमुख कारण तेजी से जनसंख्या में वृद्धि भी है। बढ़ती हुई जनसंख्या की आजीविका के लिए बहुत सारे फसलों की आवश्यकता होती है परंतु आज के समय में फसल उत्पादन में काफी गिरावट आ रही है जिसके कारण फसलों की कीमत आसमान छू रही है।

फसल उत्पादन को प्रभावित करने में बिजली भी अपना महत्वपूर्ण योगदान देती है क्योंकि जब फसल में पानी की आवश्यकता होती है और समय पर बिजली की व्यवस्था न होने के कारण भी फसल उत्पादन में काफी गिरावट आती है जो की महंगाई को बढ़ावा देने में अपना महत्वपूर्ण योगदान निभाती है।

उत्पादों को अधिक मात्रा में जमा कर के शहर में उत्पादों की मात्रा को काफी कम कर देते हैं जिससे की उत्पादों का दाम बढ़ जाता है और फिर उसे दुगुने कीमत पर बेचकर मुनाफा कमाया जाता है ।

इस घोटाले के कारण भी देश में महंगाई काफी बढ़ती चली जा रही है जिससे की हमारी अर्थव्यवस्था पर काफी गहरा असर परता है।

बढ़ती महंगाई को रोकने के उपाय। 

जिस तरह से हमारे देश की महंगाई आकाश छू रही है यदि ऐसा ही चलता रहा तो हमारे देश में गरीब लोगों का हाल बद से बदतर हो जाएगा ।ऐसे में महंगाई को रोकने के लिए हमें कोशिश करनी चाहिए जो की निम्नलिखित हैं 

सरकार के द्वारा जमाखोरों और कालाबाजारी करने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कारवाई की जानी चाहिए।

सरकार के द्वारा जितना हो सके उतना उत्पादनकर्ता से सीधा कस्टमर तक हर जरूरत की वस्तुओं को पहुंचाने का प्रयास किया जाना चाहिए ताकि गरीब व्यक्तियों को भी उनके जरूरतों का सामान सही कीमत पर मिल सके।

सरकार और हम सभी को जनसंख्या नियंत्रण पर विशेष ध्यान देना अति आवश्यक है। महंगाई को बढ़ाने में जनसंख्या वृद्धि भी अपना अहम योगदान निभाती हैं।

हमें अक्सर ऐसा देखने को मिलता है की लोग महंगाई के भत्ते की मांग करते हैं।सरकार ने कृषि की तो घोर उपेक्षा की।परंतु काले धन को रोकने के लिए हमारी सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।यहां तक कि भ्रष्टाचार को रोकने के लिए भी कोई ठोस कदम नहीं उठाए जिसके कारण मुद्रा स्फीति को अभी तक नही रोका जा सका है।

इसी सब के कारण महंगाई हमारे देश भारत में सालों साल आसमान छूती चली जा रही है।

निष्कर्ष : अतः उपर्युक्त तथ्यों के माध्यम से महंगाई , महंगाई बढ़ने के कारण और उसे रोकने के उपाय को बहुत ही अच्छी तरह से समझा जा सकता है।

महंगाई को काम करने के लिए हमारे देश में एक ठोस राष्ट्र नीति की जरूरत है। जैसे जैसे हमारे देश में जनसंख्या बढ़ रही है , उस तरीके से महंगाई को रोकना सबों के लिए बहुत ही जरूरी है। 

नही तो हम सबों के आजाद होने का कोई मतलब नहीं रह जायेगा क्योंकि हमारे देश के गरीब व्यक्ति तो अपनी जरूरतों का सामान लेने में सक्षम नहीं हो पाएंगे वरन जो सक्षम हो पाएंगे वो उन गरीबों का काफी शोषण करना शुरू कर देंगे। 

कहने का तात्पर्य यह है की जब तक जनसंख्या में वृद्धि को रोका नहीं जा सकता तब तक हम महंगाई जैसी गंभीर समस्या का समाधान निकालने में सक्षम नहीं हो पाएंगे जिससे की हमारे देश की अर्थव्यवस्था को भी काफी क्षति पहुंचेगी ,जो की हमारे वो हमारे देश के लिए एक बहुत ही लज्जा परक वार्ता होगी।

अतः बेरोजगारी, महंगाई आदि जैसी समस्याओं का समाधान पाने के लिए हमें सबसे पहले खुद में जागरूकता लानी होगी , एक जुट होकर इन सब समस्या के खिलाफ आवाज उठानी होगी ।

तभी हम बेरोजगारी और महंगाई जैसी गंभीर समस्या से छुटकारा पाने की कल्पना कर सकते हैं। जिस दिन ऐसा हुआ, हम अपने मकसद में सफल हो गए उस दिन हम बिना किसी डर, भय के सांस ले सकेंगे।

अपने देश की अर्थव्यवस्था को डगमगाने से बचा सकेंगे जो की हमारे लिए , हमारे समाज के लिए और हमारे देश वो राष्ट्र के लिए बहुत ही सम्मान वो गर्व की बात है।

महंगाई पर निबंध 400 शब्दों में। 

महंगाई पर निबंध 400 शब्दों में।  
महंगाई पर निबंध 400 शब्दों में।

आज के समय में महंगाई को बढ़ता हुआ देख कर हर को अचंभित है और हर व्यक्ति के लिए इस तरह से महंगाई का बढ़ना बहुत सारी मुश्किलें पैदा कर रही हैं ।

गरीब लोगों के लिए यह समस्या एक अभिशाप के रूप में साबित हुई है। पिछले कई सालों से महंगाई की रफ्तार काफी तेजी से बढ़ती ही चली जा रही है जिसके कारण किसान वो गरीब वर्ग के लोग अपने अपने घर का खर्चा  संतुलित रूप से उठाने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं।

जैसा की हमलोग जानते हैं की संघर्ष का दूसरा नाम ही जीवन है। मनुष्य को जीवन में बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना परता है। इनमें से कुछ समस्याएं अल्पकालिक होती हैं तो कुछ दीर्घकालिक।

गरीब और मध्यम वर्ग के लिए ऐसी ही दीर्घकालिक परेशानी का नाम है महंगाई। वर्तमान में निम्न और मध्यमवर्ग महंगाई से सबसे ज्यादा परेशान है।

यह मनुष्य की मूल भूत आवश्यकताओं जैसे की रोटी, कपड़ा और मकान पर सबसे ज्यादा कहर ढाती है।सरकारी आंकड़ों में भले ही यह स्थिर दिखे या अल्पकाल के लिए कुछ कम हो पर सत्य तो यह है की यह निरंतर बढ़ती रहती है।

सरकार भी अपना पल्ला झाड़ने के उद्देश्य से पहले तो मौसम, प्रकृति आदि के प्रतिकूल होने का बहाना बनाती है, फिर उसका दोष दूसरों पर डाल कर अपना पल्ला यह कह कर झाड़ लेती है की आम जनता की जागरूकता के अभाव के कारण ही ऐसा हुआ है,

इसमें मेरा कोई दोष नहीं है।महंगाई बढ़ने का प्रमुख कारण है मांग और पूर्ति के बीच असुंतलन होना। जब किसी वस्तु की आपूर्ति कम हो जाती है और मांग धीरे धीरे बढ़ने लगती है तो उस वस्तुओं का मूल्य खुद ही बढ़ जाता है क्योंकि अधिक क्रयशक्ति रखने वाले लोग उसे ऊंचे दाम पर खरीद लेते हैं।

प्राकृतिक प्रकोप जैसे की बाढ़, सुखार, अतिवृष्टि, भूकंप आदि महंगाई को बढ़ाने में अपनी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

इनसे खेती की उपज घट जाती है और खदान वो अन्य वस्तुएं बाहर से मंगानी परती है। जमाखोरी, कालाबाजारी आदि मानव निर्मित कारण हैं । इसके अलावा दोषपूर्ण वितरण प्रणाली, असफल सरकारी नियंत्रण तथा मनुष्य की स्वार्थ पूर्ण की प्रवृति भी उनके लिए उत्तरदाई हैं।

देश में महंगाई बढ़ने का एक कारण वितरण की खराब व्यवस्था है। कई बार देखते हैं की अच्छा उत्पादन होने के बाद भी वस्तुएं नहीं मिलती हैं और अगर मिलती भी है तो बहुत ही महंगी मिलती हैं। इसका दोष पूर्ण रूप से हमारी वितरण प्रणाली की व्यवस्था को जाता है।

महंगाई पर निबंध 200 शब्दों में।

महंगाई पर निबंध 200 शब्दों में
महंगाई पर निबंध 200 शब्दों में

जैसा की हमलोग बहुत अच्छे से जानते हैं की वस्तुओं का उसकी मूल कीमत से कई गुना अधिक अधिक कीमत पर बेचने महंगाई को जन्म देती हैं।

हमें हमारे आस परोस , हमारे समाज में कई ऐसे उदाहरण देखने को भी मिलते हैं की भ्रष्ट लोगों और व्यापारियों की वजह से ही महंगाई बढ़ती जा रही हैं।ऐसे लोगों के खिलाफ करी कारवाई करने की जरूरत है ।

वितरण के काम को सरकार को अपने हाथों में लेना चाहिए और किसी अच्छे, सच्चे वो ईमानदार लोगों के हाथों में यह काम सौपना चाहिए। फसल के उत्पादन में भी सरकार ने वृद्धि करके देखी हैं लेकिन इससे कोई फायदा नही होता है,

वस्तुओं की कीमत फिर भी उतनी ही रहती है।अतः वितरण की खराब व्यवस्था को ठीक करने के लिए, उसे सुचारू रूप से चलाने के लिए सरकार वो हम सभी को अपना अपना पूर्ण रूपेण योगदान देने की जरूरत है।

देश में सही वितरण का होना एक बहुत ही बरी समस्या बन गई हैं। जरूरत के चीजों के उपभोग के लिए समुचित वितरण के लिए बहुत से शक्त कानून बनने चाहिए।

हर जगह खद्दानो की पूर्ति के लिए खद्दान आपूर्ति विभाग स्थापित किए जाने की आवश्यकता है। देश वो समाज के हर गली में राशन के दुकान खुलने चाहिए।व्यापारी का तो एक मात्र लक्ष्य धन कमाना होता है ,वह इसके लिए अलग अलग तरह के रास्ते निकलते रहता है।

इसका परिणाम यह निकलता है की दुकानदार जरूरतमंद वस्तुओं का संग्रह कर लेता है और अधिक से अधिक मूल्य में उसे बेचता है।अतः वितरण व्यस्था के अधिकारी को उनकी अपनी जिम्मेदारियों का अच्छे से पालन करना चाहिए।

महंगाई पर निबंध 150 शब्दों में। 

महंगाई पर निबंध 150 शब्दों में
महंगाई पर निबंध 150 शब्दों में

हमारे देश के बरे व्यापारी, अपफसरशाही, नेता, इस महंगाई को बढ़ाने के लिए अधिक जिम्मेदार हैं।अगर सही और शक्त नियम का पालन किया जाए तो भारत में महंगाई को रोका जा सकता है।सबसे पहले सरकार को अपने देश में उत्पादों की संख्या बढ़ानी होगी।

हमारे लिए यह बहुत ही दुख की बात है की आज तक किसानों को सिंचाई के लिए आधुनिक साधन प्राप्त नहीं हुए हैं।सरकार को बरे बरे नगरों के विकास से ज्यादा गांव के विकास पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।

पूरे देश में एक तरह की सिंचाई की व्यवस्था होनी चाहिए।किसानों को अपने उत्पाद बढ़ाने में सरकार को अपना योगदान देना चाहिए जिससे की किसान अच्छी तरह से अपने फसल की आपूर्ति को बढ़ा सकें।

दूसरी तरफ सरकार को कालाबाजारी, जमाखोरों को रोकने के लिए एक बहुत ही शक्त वो करा कानून बनाना चाहिए।

अतः उपर्युक्त तथों के माध्यम से महंगाई, महंगाई के कारण और महंगाई से बचने के उपाय को बहुत ही अच्छी तरह से समझा जा सकता है।

परंतु यह तभी संभव हो सकता है जब सरकार के साथ साथ हम सब यानी की आम जनता भी मिलकर एक जुट होकर महंगाई को रोकने में अपना अपना संपूर्ण योगदान दें ।

और इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण और जागरूकता ।यदि जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण किया जाए तो महंगाई खुद वो खुद धीरे धीरे समाप्त होती चली जायेगी।

जिससे की हमारी और हमारे देश की अर्थव्यवस्था पर ज्यादा नकारात्मक प्रभाव नहीं परेगा, जो की हमारे वो हमारे देश के लिए एक बहुत ही सम्मान और गर्व की बात है।

Sonam Kumari

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