आज के दौर में जहां हर लड़की पढ़ लिखकर हमारे देश का नाम रोशन कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग ऐसे हैं जो हवस में जलकर राख बन चुके हैं और वही लोग स्कूल जैसे संस्था में जहां ज्ञान की गंगा बहती है वहां शिक्षक के रूप में हैवान बन कर बैठे हैं आजकल हम सब टीवी मोबाइल जैसे उन सोशल मीडिया के सहारे ऐसी खबर जरूर सुनते होंगे स्कूल में किसी ने किसी लड़की के साथ गलत व्यवहार किया गया हूं जिससे वह आत्महत्या कर लेती है या फिर उस लड़की के साथ स्कूल प्रशासन द्वारा कुछ ऐसी घटना का अंजाम देते हैं जिससे वह लड़की अपने आप ही अपना प्राण त्याग देती है।
हम अपने बच्चों को स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने के लिए भेजते हैं मगर हम सबको तनिक भी यह अंदाजा नहीं होता है कि हमारी मासूम जैसी बेटी के साथ स्कूल में उसके चरित्र साथ खेला जा रहा है हम बात उन्हें वालों की कर रहे हैं जो आज शिक्षा के नाम पर लड़कियों के साथ न जाने क्या-क्या करने को राजी हैं,यह वह लोग हैं जो लड़कियों को खिलौना समझते हैं।
मगर वह लोग भूल जाते हैं कि जो हमारी शिक्षा की देवी हैं वह भी एक लड़की है यही नारा दिया गया था बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ हम अपने बच्चों को पढ़ने के लिए तो भेज रहे हैं जहां हमारी बेटियां अपने तन मन से शिक्षा ग्रहण करने के उद्देश्य से जा रही हैं परंतु वहां के जो शिक्षक हैं वह किसी न किसी कारण अपना मौका खोज कर कॉपी चेक करने के बहाने उन बच्चियों का हाथ पकड़ लेते हैं या फिर मजाक मस्ती करते करते गलत जगह अपना हाथ रख देते हैं क्या यह एक शिक्षक को शोभा देता है?
वहीं दूसरी तरफ हमारी बेटियां अपनी इज्जत बचाने के लिए चुपचाप सहन कर लेती हैं।
आखिर कब तक हमारी बेटियों के साथ स्कूल जैसे संस्था में गलत होता रहेगा और यह बेटियां कब तक चुप चाप से शादी रहेंगे क्या सरकार को इस विषय पर कोई कानून नहीं बनाना चाहिए जिससे हमारी बेटियां बिना डरे शिक्षा आसानी से ग्रहण कर सकें क्या हमारे देश में शिक्षा नीति इतनी बेकार हो चुकी है की स्कूल जैसे संस्था में हमारी बेटियों को सुरक्षित नहीं रख पा रही है?
आखिर कब तक हम और आप इस तरह चुपचाप सहते रहें और अपने बेटियों का बलिदान देते रहे?जितने माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल में भेजते हैं वह लोग कभी ना कभी अचानक से अपने बच्चों की स्कूल में जाकर उनका हालचाल जरूर लें और उनसे हमेशा सलाह लेते रहे वहां का वातावरण क्या है वहां की पढ़ाई कैसे हो रही है ताकि आपके भी बच्चे इन हैवानो से बच सकें।
जब तक हम सब एक ना होकर इस लड़ाई को नहीं लड़ेंगे तब तक स्कूल जैसा संस्था बर्बाद होता रहेगा,आइए साथ मिलकर हम लोग आवाज उठाते हैं ताकि हमारे बच्चे स्कूल में सुरक्षित रहे।
धन्यवाद
Credit :
पीयूष यादव
उत्तर प्रदेश (मऊ)
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