हिन्दी दिवस : इतिहास, कब, क्यों और कैसे मनाएं। हिन्दी दिवस पर निबंध, लेख।
तो कैसे है आप लोग, हमें उम्मीद है आप अच्छे होंगे, अगर आप हिन्दी दिवस से Relative कोई व्लॉग या पोस्ट की तलाश में है तो, आप बिलकुल सही पोस्ट पर आये है।
मेरा नाम है अमित है, और मैं आज आप लोगो को बताने वाला हु की की हिन्दी दिवस के बारे मे वो भी आपके Language हिंदी में।
आप इसको भी पढ़ सकते है।
हिन्दी दिवस
हिन्दी दिवस हर वर्ष 14 सितम्बर को मनाया जाता है | 14 सितम्बर 1949 को केंद्र सरकार ने यह फेशला लिया की हिंदी को रास्टीय भाषा के रूप मे घोषित किया गया था |क्योंकि पुरे भारत में अधिकतर जगह मे जयादातर हिंदी भाषा बोली जाती थी |
इसीलिए हिंदी को रास्टीय भाषा बनाने का निर्णय लिया गया और इसी निर्णय को प्रतिपादनकरने तथा हिंदी को हरएक छेत्र में प्रसारित करने के लिए 1953 में पुरे भारतमें हर साल हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है | पुरे विश्व में हिंदी बोलनेवालो की शंखिया तीशरे जगह पर है |
भारत को आजादी मिलने के बाद हिन्दी को आधिकारिक भाषा बनाने के लिए काका कालेलकर, हजारीप्रसाद दुर्वेदी और शेठ गोविंद दास आदी शहिशाहित्यकारो को साथ लेकर व्योहार राजेंद्र सिंह ने अनेक प्रयास किये |
हिन्दी दिवस का इतिहास :-
वर्ष 1918 में एक बहुत ही बड़ा हिन्दी साहित्य सम्मलेन हुवा था | उसी हिन्दी साहित्य सम्मलेन में गाँधी जी ने कहा था , हिन्दी भाषा को राजभाषा बनाने के लिए | ईसे गाँधी जी ने जनमानष की भाषा भी कहा था | वर्ष 1949 में भारत आजाद होने के बाद , स्वतंत्र भारत की रास्टीय भाषा 14 सितम्बर 1949 कोकाफी विचार-विमर्श होने के बाद यह फैशला लिया गया की हिन्दी को रास्टीय भाषा के रूप में घोषित किया गया |
जो की भारतीय संविधान के भाग 17 के अध्याय की अनुछेद 343 में इस प्रकार वर्णित है , जाहा ये दर्शाया गया है की संघ की रास्टीय भाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस इसी लिए रखा गया क्युकी 14 सितम्बर 1949 को हिन्दीके महान शाहित्कार व्योहार राजेंद्र सिंह जी का 50वां जन्मदिन था, इसी कारन हिन्दी दिवस केलिए इस दिन को सबसे अच्छा माना गया |
तभी एक बहोत बड़ी चुनौती सामने आई, जब हिन्दी को रास्टीय भाषा के रूप में चुना गया औरलागु किया गया तो जो लोग अ-हिन्दी (जो लोग हिन्दी नहीं बोलते थे ) भाषी राज्य के लोग इसका विरोध करने लगे | इस चुनौती को ख़त्म करने के लिए भारत सरकार को English को भी रास्टीय भाषा का दर्जा देना परा ,इसी कारण से English भाषा का असर हिन्दी भाषा पर प्रभाव पर्ने लगा |
हिंदी दिवस पर कार्यक्रम :-
हर वर्ष 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस मनाया जाता है, इस दिन सभी स्कूल एवं सभी सरकारी संस्थाओमें कार्यक्रम का आयोजन होता है | हिंदी दिवस के दिन स्कूल के सभी छात्र को हिन्दी दिवस पर भासन देना होता है |
और teacher अपने सभी student को हिन्दी भाषा के बारे में बताते है की हिन्दी भाषा का हमारे भारत में क्या महत्व है | और आपने दैनिक व्यवहार में हिन्दी भाषा का प्रयोग करने की सलाह देते है |
इस दिन हिन्दी निबंध लेखन, वाद – विवाद प्रतियोगिता कराई जाती है, हिन्दी के कोर लोगो कोआकर्षित करने के लिए हिन्दी दिवस पर भाषा सम्मान की शरूात की गई है |
यह सम्मान हर वर्ष उसी को दिया जाता है जिसने पुरे वर्ष हिन्दी भाषा का प्रचार जान -जान में कियाहो और इसके उत्थान के लिए विसेस योगदान दिया हो ,इस सम्मान में एक लाख एक रुपया दिया जाता है |
इस दिन निबंध लेखन प्रतियोगिता के दुवारा सभी जगह पर हिन्दी भाषा के महत्त्व एवं विकाश और विस्तार करने के लिए सभी को सुझव दिए जाते है |
इतना सब कुछ करने के बाद भी सभी लोगो पर कोई असर नहीं परता है ,अगले ही दिन सभी हिन्दी भाषा को भूल जाते है | यह सब देख कर हिन्दी भाषा को कुछ और दिन याद रखने के लिए |
राष्ट्रीय भाषा सप्तह का आयोजन होता है ,राष्ट्रीय भाषा सप्तह का आयोजन इस लिए किया जाता है ताकि एक वर्ष में कम से कम 7 दिन के लिए तो हिन्दी भाषा को याद जाये |
हिंदी भाषा के उत्पादक :-
पुरे विश्व में बोले जाने वाले भाषा के बोलने वालो की संख्या के अनुसार english और चीनी भाषा के बाद हिन्दी भाषा पुरे विश्व में तिशरी स्थान पर आती है |
लेकिन हिन्दी भाषा को सुध तरह से लिखने और पढ़ने वालो की संख्या बहोत कम है | वर्त्तमान में यह संख्या और भी कम होते दिखाइ दे रही है ,अगर ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन हमारी हिन्दी भाषा विलुप्त हो जायेगी क्युकी हिन्दी भाषा पर इंग्लिश के सब्दो का भी बहोत जायदा प्रभाव पारा है |
और कई शब्द बोलचाल से हट गए और english के शब्द ने उस शब्द की जगह ले ली है ,बहोत सारे कारनो से ऐसे लोग जो हिन्दी भाषा के गियानी है या हिन्दी भाषा जानते है |
उन्हें हिन्दी के प्रति आपने कर्तव् का को याद करवाने के लिए 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस मनाया जाता है ,इससे यस होता है की सभी लोग आपने कर्तव् का पालन कर हिन्दी को भविष्य में विलुप्त होने से बचा रहे है |
हिन्दी तो मनो सभी के घरो की दास बन कर रह गई है ,लेकिन भारत के लोगो और भारत सरकार को इसका श्कोईफर्क नहीं पर रहा है | ऐसी कारण से प्राचीन काल से अभी तक हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र संग की भाषा नहीं बनाया जा सकता है |
हिन्दी की हालत इतनी जाधा ख़राब हो गयी है की हिन्दी दिवस के दिन भी लोग tweeter पर लोग bolo जैसे शब्द का प्रयोग करते है ,मेरी एक विनती है कम से कम हिन्दी दिवस के दिन तो हिन्दी में tweet किया करो |
हिंदी दिवस का उद्देश्य :-
हिन्दी दिवस का एक ही उद्देश्य है की कम से कम साल में एक दिन इस बात से रूबरू कराना है की अगर हमलोग लोग हिन्दी का प्रयोग नहीं करेंगे तो हमारी मातृ भाषा एक दिन विलुप्त हो जाएगी |
और उन्हें यह समझना चाहते है की जबतक हम हिन्दी का उपयोग पूरी तरह से नहीं करेंगे तब तक हिन्दीका विकाश नहीं हो पाऐगा ,और सभी को हिन्दी का उपोग करने की श्लाह दिया जाता है |
ये सब होने के बाद जो वर्ष भर हिन्दी में विकाश का कार्य करता है और आपने सभी कार्यो में हिन्दी का उपयोग करता है , उसे पुरुष्कार दे कर सम्मानित किया जाता है |
हमरेव भारत के कई ऐसे राज्य है जहां के लोग आपने सामान्य बोलचाल में भी english का प्रयोग करते है ,इससे धीरे धिरे हमरे मातृ भाषा हिन्दी के अस्तित्व को खतरा पहुंच रहे है |
जिस तरह से tv से लेकर student और निजी जिंदगी से लेकर सोसल मिडिया तक एवंहर एक काम में english का दबदबा क़ियाम है |
इससे यह लग रहा है की हिन्दी भाषा धीरे धीरे काम और फिर कुछ दसको बाद विलुप्त हो जाएगी |अब हमसब को हिन्दी को अपनी जीवन में एक बहोत महत्वपुर्ण स्थान देना होगा तभी अपनी भाषा को बचा सकेंगे नहीं तो ये दूसरी बभाषाऔ से हो रही सपर्धा में बहुत पीछे रह जाएगी |
भारत के वाराणसी में स्थित दुनिया में सबसे बड़ी हिन्दी संस्थ आज बहोत ही ख़राब हालत में है |
हिन्दी साप्ताह :-
हमलोग 14 सितम्बर से अगले साथ दिनों को हिन्दी साप्ताह कहते है | हिन्दी साप्ताह पुरे एक साप्ताह के लिए मनाया जाता है , इस पुरे साप्ताह अलग -अलग कार्यक्रम का आयोजन होता है | यह आयोजन शभी स्कूलों और संस्था में किया जाता है |
इस हिन्दी साप्ताह और कार्यक्रम का एक ही उद्देश्य होता है की हिन्दी भाषा के विकाश की भावना को सिर्फ हिन्दी दिवस के दिन ही नहीं बल्कि आने वाले सभी दिनों में इस पर धियान दे |
इस सात दिन में हिन्दी भाषण , निबंध लेखन और हिन्दी भाषा के उपयोग करने के सभी फायदे, और ना उपयोग करने के नुकशान के बारे में शमझाते है
हिंदी दिवस पर पुरुष्कार :
14 सितम्बर हिन्दी दिवस के दिन पुरुष्कार भी दिया जाता है | पुरुष्कार इसलिए दिया जाता है ,ताकि लोग हिन्दी के प्रति उत्शहित हो और हिन्दी को अपनाये |
यह पुरुष्कार उसी को दिया जाता है जो आपने कार्य के दौरान हिन्दी का उपयोग अच्छी तरह से करता हो ,और पुरे वर्ष में हिन्दी को विकशित करता हो तब उसे पुरुष्कार से सम्मानित करते है |
हिंदी दिवस की आलोचना :
भारत के बहुत से लेखक और हिन्दी भाषा को अच्छी तरह से जानने वालो का कहना है की हिन्दी दिवस बिलकुल सरकारी नौकरी के तरह हो गया है जिसे लेना तो सब चाहते है , मगर कोइ भी आपने काम को अच्छी तरह से करना नहीं चाहते है |
हिन्दी दिवस केवल एक ही दिन के लिए मनाया जाता है , इससे हिन्दी भाषा का कोई विकाश नहीं हो सकता है , बल्कि इससे हिन्दी भाषा को हानि पहुँचता है | कई लोग हिन्दी दिवस के दिन भी english भाषा में लिख कर सुवागत करते है |
सरकार हिन्दी दिवस को केवल यह दिखने के लिए चलती है की वह हिन्दी भाषा के विकाश करने के लिए कार्य कर रही है | बहोत से ऐसे सरकारी कर्मचरी है जो हिन्दी के जगह english का उपयोग करते है | बहोत से ऐसे लोग है जो की अनेक कारन बताकर हिन्दी दिवस मनाने का विरोध करते है |
और मजाक उराने वाले यह चाहते हैं की हिन्दी भाषा के प्रति जो भी बचे खुचे लोग है जो की हिन्दी का उपोयग करते हैं वो भी इंग्लिश का उपयोग करे और हिन्दी पूरी तरह से विलुप्त हो जाये |
हिन्दी दिवस पर निबंध

हिन्दी दिवस भारतीय समृद्धि, संस्कृति और भाषा की महत्वपूर्ण प्रतीक है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हिन्दी भाषा हमारे देश की भूमि पर बसी है और हमारी आदर्श गरिमा है। हिन्दी भाषा की महत्वपूर्ण भूमिका हमारे समृद्धि और एकता में योगदान करती है और हिन्दी दिवस इसे मनाकर हमें इस महत्वपूर्ण भाषा के प्रति समर्पण और स्नेह की भावना दिलाता है।
हिन्दी भाषा का महत्व:
राष्ट्रीय भाषा: हिन्दी भाषा भारत की राष्ट्रीय भाषा है और यह देश के विविधता को एकता में बाँधती है। यह भाषा भारत की संस्कृति, साहित्य, और समृद्धि की पहचान है।
साहित्यिक महत्व: हिन्दी भाषा भारतीय साहित्य की अमूल्य धरोहर है। हिन्दी में रचित ग्रंथ, काव्य, किस्से-कहानियाँ और नाटक हमें भारतीय संस्कृति और मूल्यों के प्रति आदर्श दिखाते हैं।
विविधता का प्रतीक: भारत में कई भाषाएँ बोली जाती हैं, लेकिन हिन्दी भाषा ही विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों के लोगों को एक-दूसरे से जोड़ने का माध्यम है। यह भाषा भारतीय समाज की विविधता में एकता का प्रतीक है।
शिक्षा की भाषा: हिन्दी भाषा के माध्यम से हमें विभिन्न शिक्षा के क्षेत्रों में ज्ञान प्राप्त होता है। यह भाषा छात्रों को अपनी मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त करने का अवसर देती है।
भाषा की सजीवता: हिन्दी भाषा हमारे दिलों में बसी हुई है, और हम इसे अपनी भाषा में अपने विचारों को व्यक्त करने का सबसे सुनहरा तरीका मानते हैं।
हिन्दी दिवस का महत्व:
हिन्दी दिवस का महत्व विशेष रूप से उस मानविकी और अहिंसा के प्रतीक महात्मा गांधी की जयंती के साथ जुड़ता है, क्योंकि गांधीजी ने हिन्दी को एकता का माध्यम माना और उसे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण साधना के रूप में प्रयोग किया।
निष्कर्ष:
हिन्दी भाषा हमारी मातृभाषा है, और हिन्दी दिवस हमें इसे समर्पण और सम्मान की भावना के साथ मनाने का अवसर प्रदान करता है। हमें हिन्दी भाषा की महत्वपूर्णता को समझना चाहिए और उसे सशक्त बनाने के लिए सहयोग करना चाहिए, ताकि हमारी संस्कृति, भाषा और राष्ट्रीयता का प्रतीक निरंतर बना रहे।
Note : Click to Know About India National Portal of India
FAQs :-
14 सितंबर को हिंदी दिवस क्यों मनाया जाता है?
दरअसल आजादी मिलने के दो साल बाद 14 सितबंर 1949 को संविधान सभा में एक मत से हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया था।
इस निर्णय के बाद हिंदी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिए राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर 1953 से पूरे भारत में 14 सितंबर को हर साल हिंदी दिवस के रूप में मनाया जा
हिन्दी दिवस का क्या महत्व है ?
हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस दिन भारत की संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदू भाषा को भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा घोषित किया था।
भारत की संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को अपनाया।
हिंदी दिवस मनाने का कारण क्या है ?
अंग्रेजी भाषा के बढ़ते चलन और हिंदी की अनदेखी को रोकने के लिए हर साल 14 सितंबर को देशभर में हिंदी दिवस मनाया जाता है।
आजादी मिलने के दो साल बाद 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में एक मत से हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया था और इसके बाद से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
हिंदी की शुरुआत कब हुई ?
कब हुई हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत? 14 सितंबर, 1949 को संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया था।
पहली बार देश में हिंदी दिवस कब मनाया गया था?
काफी सोच विचार के बाद हिंदी और अंग्रेजी को नए राष्ट्र की भाषा चुना गया. संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी हिन्दी को अंग्रेजों के साथ राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया था।
14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से हिंदी को भारत की राजभाषा चुना. पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 में मनाया गया था।
हिंदी का जनक किसे कहा जाता है?
आधुनिक हिंदी का जनक भारतेंदु हरिश्चंद्र को माना जाता है, वह हिंदी गद्य के एक महान लेखक थे भारतेंदु हरिश्चंद्र ने हिंदी गद्य में विशेष योगदान दिया इसके कारण ही इनको हिंदी का जनक कहा जाता है।
Conclusion
अगर आप इस पोस्ट में यहाँ तक आ गए है तो, आपको यह पोस्ट पसंद आया है, अगर पोस्ट पसंद आया है तो आप इस पोस्ट को आपने दोस्तों के साथ साझा जरूर करे। अगर आपको पोस्ट मे कोई प्रकार की कमी दिखे तो हमें comment करके सुझाव अवश्य दे।
अगर आपको Yoga Benefits in Hindi या योगा का क्या महत्व है। से Relative कोई और पोस्ट चाहिए , या फिर किसी भी विषय के बारे में पोस्ट चाहिए तो comment कीजिये।
आपका बहुत बहुत धनबाद।