गाय पर निबंध [गाय पर निबंध हिंदी में] | Gay par Nibandh in Hindi.

गाय पर निबंध [गाय पर निबंध हिंदी में] | Gay par Nibandh in Hindi. Essay on Cow in Hindi

हेलो जी आपका स्वागत है, गाय पर निबंध पोस्ट में। अगर आप इंटरनेट पर गाय पर निबंध की तलाश कर रहे हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं।

इस पोस्ट में आपको गाय पर निबंध और गाय पर निबंध से जुड़ी हुई बहुत सारी जानकारी मिलेंगी। जैसे गाय पर निबंध, गाय हमारे लिए क्यों जरूरी है, गाय पर निबंध लिखा कैसे जाता है और भी बहुत कुछ।

तो बिना देर किए इस पोस्ट को शुरू करते हैं, अगर आपको पोस्ट अच्छा लगे तो इसे अपने दोस्तों के साथ साझा जरूर करिएगा।

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गाय पर निबंध [गाय पर निबंध हिंदी में] | Gay par Nibandh in Hindi. Essay on Cow in Hindi

विश्व भर में गाय सबसे प्राचीन पालतू जानवर है। भारत में वैदिक काल से ही गाय की पूजा अर्चना की जाती है।हमारे देश में गाय को माता का दर्जा दिया जाता है। हिंदू धर्म में गाय को शारीरिक तथा धार्मिक स्तर पर बहुत ही उपयोगी माना जाता है।

गाय पर निबंध प्रस्तावना :

गाय से हमें दूध प्राप्त होता है, दूध उत्पादन में भारत का विश्व में पहला स्थान है। गाय का दूध बेहद लाभदायक और पौष्टिक होता है।गाय का दूध बच्चों, महिलाओ, तथा पुरुषों सबों के लिए बहुत ही लाभप्रद है।

उसके दूध से मक्खन, दही, छाछ, घी तथा बहुत से प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं।गाय का मूत्र भी बहुत सारी औषधियां बनाने के काम में लिया जाता है।

गोमूत्र का उपयोग यज्ञ तथा पूजा अर्चना में भी किया जाता है।गाय का गोबर फसलों के लिए उत्तम खाद तथा का कार्य करता है।

हिंदू धर्म में मान्यता है की गाय के शरीर में सभी देवी देवता (33 करोड़) निवास करते हैं।प्राचीन समय में ऋषि मुनि गाय को अपने आश्रम में पालते थे, उनकी पूजा अर्चना करते थे। आज भी बहुत सारे पर्वों पर गाय की पूजा की जाती है।

गाय के एक मुंह, दो कान,दो सिंह, दो आंखें, दो नथुने, एक पूंछ, चार पैर तथा चार थन होते हैं। गाय की पूंछ काफी लंबी होती है जो की मक्खियां उड़ाने के काम में आती है।

वह बहुत सारे रंगों में पाई जाती है जैसे सफेद, काली, लाल, भूरी, चितकबरी आदि अनेक रंगों की। गाय के पैरों के नीचे खूर होते हैं जो की उन्हें चलने में मदद करते हैं।

उनकी कुछ प्रजाति होती है जिनके सिंह नहीं होते हैं।उनका जीवन काल 10 से 15 वर्ष का होता है। उनके बछड़ा पैदा होने में 9 महीने का समय लगता है, यह समय 5 से 10 दिन उपर नीचे भी हो सकता है।

पूरी दुनियां में गाय की बहुत सारी नस्लें पाई जाती हैं और विश्व में सबसे ज्यादा गाय हमारे देश भारत में ही पाई जाती है। गाय की बहुत सारी नस्लें हैं जिनमें की प्रमुख निम्नलिखित हैं 

साहिवाल प्रजाति की गाय :

यह भारत की सर्वश्रेष्ठ प्रजाति है।यह मुख्य रूप से पंजाब,हरियाणा, बिहार, उत्तर प्रदेश आदि प्रांत में पाई जाती है।यह दूध व्यवसायियों की फेवरेट है, क्योंकि यह सालाना 2000 से 3000 लीटर तक दूध देती है।इसकी देखभाल अच्छे से की जाए तो यह कहीं भी रह सकती है।

गिर प्रजाति की गाय :

यह मुख्य रूप से भारत के गुजरात के गिर के जंगलों में पाई जाती हैं। इसी कारण इसका नाम गिर पड़ा। यह भारत की सबसे दुधारू गाय है।

यह सामान्यतः दिन के 50 से 80 लीटर दूध देती है। इसकी इस खासियत के कारण विदेशों में भी इसकी भारी मांग रहती है।इजरायल और ब्राजील में इसे विशेषतः पाला जाता है।

थारपारकर प्रजाति की गाय :

गाय की यह नस्ल मुख्य रूप से जोधपुर, जैसलमेर, तथा गुजरात के कुछ हिस्सों में पाई जाती है।

राठी नस्ल प्रजाति की गाय :

मुख्य रूप से यह नस्ल राजस्थान में मारमेर, सिरोही, तथा जालौर जिले में पाई जाती है।इसका नाम राठश जनजाति के नाम पर परा है।यह हर दिन 6 से 8 लीटर दूध देती है।

लाल सिंधी प्रजाति की गाय :

यह लाल रंग की गाय होती है जो मुख्य रूप से पंजाब में पाई जाती है।

मेवाती प्रजाति की गाय :

यह हरियाणा राज्य की प्रमुख नस्ल है। मेवाती का उपयोग कृषि कार्य में ज्यादा किया जाता है,जबकि हासी हिसार हरियाणा के हिसार क्षेत्र में यह ज्यादा मिलती है।

हिंदू धर्म में गाय को बहुत महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। गाय को मारना तथा मार कर उसका मांस खाना हिंदू धर्म में वर्जित है और ऐसा करने वालों को सजा भी दी जाती है।

समाज ने काफी दानी लोग भी हैं जो आवारा गायों के लिए गौशाला बनवाते हैं तथा उनके खाने पीने तथा साफ सफाई की पूरी व्यवस्था करते हैं।गौशाला में कोई भी व्यक्ति दान दे सकता है।

वर्तमान में गायों की स्थिति बहुत ही खराब होती जा रही है।आवारा पशुओं की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है जो बाजार में घूमते रहते हैं तथा बाजार में खरीददारी करने वाले लोगों को नुकसान भी पहुंचते हैं।

आवारा पशुओं की संख्या अधिक होने के कारण उनकी प्रचुर मात्रा में भोजन तथा पानी नहीं मिल पाता है।ऐसे में बहुत सारे पशुओं की मृत्यु भी पॉलिथीन खाने के कारण हो जाती है।

अतः सरकार को आवारा पशुओं के लिए गौशाला का निर्माण करवाना चाहिए तथा उनके खाने पीने की विशेष रूप से व्यवस्था करनी चाहिए।

दुर्भाग्य वश शहरों में जिस तरह से पॉलिथीन का उपयोग किया जाता है और उसे फेंक दिया जाता है, उसे खाकर गायों की असमय मौत हो जाती है।

इस दिशा में हम सभी को काफी गंभीरता से विचार करना होगा ताकि हमारी आस्था और अर्थव्यवस्था के प्रतीक गोवंश को बचाया जा सकें। कुल मिलाकर गाय का मनुष्य के जीवन में बहुत ही ज्यादा महत्व है। गाय आज भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।

गाय के दूध को अमृत माना गया है। भारत में गाय को एक पवित्र पशु माना जाता है। भारत में करोड़ों हिंदू गाय की पूजा करते हैं।

उनकी सबसे बड़ी विशेषता यह है की यह मानव जाति को बहुत कुछ देती है और बदले में कुछ भी नहीं मांगती है।कई परिवार गाय के दूध वो घी को बेचकर ही अपना जीवन।

यापन करते हैं। हिंदुओं के तीज त्योहार बिना गाय के घी के पूरे नहीं होते हैं। तीज त्योहार के दिन घर को गोबर से ही लिपा जाता है और उसपर ईश्वर की प्रतिमाओं को बैठाया जाता है।

कई लोग किसी जरूरी काम करने से पहले भी गाय के दर्शन को काफी शुभ मानते हैं।गाय के अमृत जैसे दूध देने वो अन्य गुणों के चलते ही इसे धरती माता के समान पूज्य माना गया है। इसलिए गाय को गौ माता भी कहा जाता है।

इसके अलावा गांव में गाय के गोबर से बने कंडे का इस्तेमाल ईंधन के रूप में किया जाता है। यह बहुत ही दुख की बात है की प्रोद्योगिकी के विकास के साथ हम गाय की महत्ता को काफी भूलते चले जा रहे हैं।

भगवान श्रीकृष्ण की जिंदगी में भी गाय का बड़ा महत्व रहा है। कृष्ण का बचपन ग्वालों के बीच ही बीता है। उन्हें लोग गोविंदा वो गोपाल कहके बुलाते थे जिसका मतलब होता है गायों का रक्षक वो दोस्त।

गाय स्वभाव से काफी शांत होती है, उनका शरीर काफी बड़ा होता है। वह घास वो पैरों की पत्तियां खाती हैं। वह एक समय में एक ही बछड़े को जन्म देती है और अपने बछड़े से बहुत ज्यादा प्यार भी करती हैं। गाय बैठकर अपने मुंह से जुगाली भी करती हैं।

निष्कर्ष : अतः उपर्युक्त तथ्यों के माध्यम से गाय पर निबंध को बहुत ही अच्छी तरह से समझा जा सकता है।गाय को ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है।

जैसे हमारे देश के लिए गांवों का महत्व है, उसी प्रकार गावों के लिए गायों का महत्व है। पिछले कुछ सालों से गाय के जीवन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं और इस संकट का मुख्य कारण है प्लास्टिक।

गाय का भोजन काफी साधारण होता है, यह शुद्ध शाकाहारी होती है।इसे कोई भी साधारण परिवार काफी आराम से पाल सकता है। उसके दूध से बहुत प्रकार की चीजें जैसे की दूध से दही, मक्खन, छाछ, पनीर, छेना और मिठाइयां आदि बनाई जाती है।

उसका दूध काफी सुपाच्य होता है, यह हमारी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और अनेक रोगों से लड़ाई करने की शक्ति भी देता है।

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गाय पर निबंध 400 शब्दों में। Essay on Cow in 400 Words in Hindi.

गाय पर निबंध 400 शब्दों में।
गाय पर निबंध 400 शब्दों में।

गाय का दूध अति पौष्टिक होता है। नवजात शिशु भी, जिसे कुछ भी पिलाना मना होता है, उसे भी गाय का दूध दिया जाता है।

शिशु से लेकर वृद्धावस्था तक हर उम्र के लोगों को गाय के दूध का सेवन करना चाहिए। बहुत से रोगों से लड़ाई की ये हमें ताकत देता है। शिशुओं और रोगियों को विशेष रूप से इसे पीने की सलाह दी जाती है।

वैज्ञानिक भी इसके गुणों का बखान करते हैं। केवल दूध ही नहीं, इसके दूध से बने अन्य उत्पाद जैसे दही, मक्खन, पनीर, छाछ सभी डेयरी उत्पाद लाभदायक होते हैं।

जहां पनीर खाने से प्रोटीन मिलता है, वहीं गाय का घी खाने से ताकत मिलती है। आयुर्वेद में तो इसका बहुत ही ज्यादा महत्व है।

अगर किसी को अनिंद्र की शिकायत हो तो नाक में घी की केवल दो दो बूंदें डालने से यह बीमारी ठीक हो जाती है।साथ ही यदि रात में पैर के तलुओं में घी लगा कर सोया जाए तो बहुत अच्छी नींद आती है।

गाय के घी का धार्मिक महत्व है।इससे हवन पूजन आदि किया जाता है और हमारे ऋषि मुनि जो कुछ भी करते थे, उन सबके पीछे वैज्ञानिक कारण अवश्य होता था।

जब गाय की घी और अक्षत( चावल) को हवन कुंड में डाला जाता है, तब अग्नि के संपर्क में आने पर बहुत सारी महत्वपूर्ण गैस निकलती है, जो की वातावरण के लिए काफी उपयोगी है।

गाय के घी में रेडियोधर्मी गैस को अवशोषित करने की अद्भुत क्षमता होती है। इतना ही नहीं हवन का धुआं वातावरण को शुद्ध कर देता है।

रूसी वैज्ञानिक के शोध के अनुसार, एक चम्मच गाय के घी को आग में डालने से लगभग एक टन आक्सीजन का निर्माण होता है।यह काफी हैरतअंगेज बात है।

शहरों में हर चीज हमें प्लास्टिक में ही मिलता है जिसे हम प्रयोग के बाद कुरे कचरे में फेंक देते हैं। जिसे चरने वाली मासूम गाएं खा लेती हैं और अपनी जान गवां देती हैं।

हम सबको पता है की प्लास्टिक नष्ट नहीं होता, इसलिए इसका प्रयोग सोच समझ कर ही करना चाहिए। यह सिर्फ गायों के जीवन के लिए ही नहीं वरन पर्यावरण के लिए भी बहुत जरूरी है और पर्यावरण हमारे लिए जरूरी है। अतः यह कहना गलत नहीं होगा की पर्यावरण और हम एक दूसरे के पूरक हैं।

गाय पर निबंध 250 शब्दों में। Essay on Cow in 250 Words in Hindi.

गाय पर निबंध 250 शब्दों में।
गाय पर निबंध 250 शब्दों में।

हमारे शास्त्रों में गायों को माता का दर्जा दिया गया है। गायों को पूजनीय माना जाता है, इसलिए तो भारतीय घरों में घर की पहली रोटी गोमाता को अर्पित की जाती है। प्राचीन समय में गावों में गायों की संख्या से सम्पन्नता का आकलन किया जाता था।

ऐसा कहा जाता है की गायों की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी और स्वर्ग में स्थान मिला था। हमारे पुराणों में भी गायों की महिमा का वर्णन किया गया है।

पुराण में उल्लेख है की माता कामधेनु सागर मंथन से प्रकट हुई थी। कामधेनु को सुरभि की संज्ञा दी गई। कामधेनु को ब्रह्म देव अपने लोक में ले गए थे और फिर लोक कल्याण के लिए ऋषि मुनियों को सौप दिया था।

गाय भिन्न भिन्न रंग रूप और आकार प्रकार की होती है।इनका कद छोटा भी होता है, तो बड़ा और लंबा भी। इसकी पीठ काफी चौरी होती है।

जैसे हमारा देश विविध जलवायु का देश है, ठीक उसी प्रकार पशु भी अलग अलग जगहों पर अलग अलग किस्म के पाएं जाते हैं।गाय भी इसका अपवाद नहीं है।

गाय की कई प्रजातियां हमारे देश भारत में पाई जाती हैं। मुख्य नस्लों में साहिवाल जोकि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार के क्षेत्रों में मिलती हैं।

गिर, दक्षिण का काठियावाड़ में, थारपारकर , राजस्थान के जोधपुर, जैसलमेर और कच्छ के इलाकों में, देवनी प्रजाति आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में, नागोरी, राजस्थान के नागौर जिले में, सीरी ,सिक्किम और दार्जलिंग के पर्वतीय प्रदेशों में, निमाड़ी, मध्य प्रदेश में, मेवाती, प्रजाति ( हरियाणा), हल्लीकर, प्रजाति (कर्नाटक), भगनारी प्रजाति (पंजाब), कंगायन प्रजाति (तमिलनाडु), मालवी प्रजाति ( मध्य प्रदेश), गावलाव प्रजाति ( मध्य प्रदेश), वेचूर प्रजाति ( केरल), कृष्णबेली प्रजाति ( महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश) में पाए जाते हैं।

गाय पर निबंध 150 शब्दों में। Essay on Cow in 150 Words in Hindi.

गाय पर निबंध 150 शब्दों में।
गाय पर निबंध 150 शब्दों में।

हमारे देश भारत में गाय को माता का दर्जा दिया गया है।गाय एक पालतू पशु है, और भी बहुत सारे पालतू जानवर हैं परंतु उन सबमें गाय का स्थान सर्वोच्च है।

प्राचीन काल से ही गोमाता को देवी साध्य समझा जाता है, हर मंगल वो शुभ कार्य में गाय के ही चीजों का प्रयोग होता है।यहां तक की गाय के उत्सर्जी पदार्थ (गोबर,मूत्र) का भी इस्तेमाल होता है जिसे पंच गव्य ( दूध, दही,घी, गोबर,मूत्र) की उपमा दी गई है।

इन तत्वों का औषधीय महत्व भी बहुत है। बहुत सारी दवाइयों के निर्माण में घी और गोमूत्र का इस्तमाल किया जाता है।इसका दूध काफी पोष्टिक होता है।

नवजात शिशु भी, जिसे कुछ भी पिलाना मना होता है, उसे भी गाय का दूध दिया जाता है।शिशु से लेकर वृद्धावस्था तक हर उम्र के लोगों को गाय के दूध का सेवन जरूर करना चाहिए।

गाय पर निबंध 15 लाइन। Essay on Cow in 15 Lines in Hindi.

गाय पर निबंध 15 लाइन।
गाय पर निबंध 15 लाइन।

गाय एक पालतू जानवर है।

यह हरी घास, अनाज, चारा आदि चीजें खाती हैं।

गाय को देव तुल्य स्थान प्राप्त है।

भारत में गाय को माता का दर्जा दिया जाता है।

गाय की शारीरिक संरचना में गाय के दो सिंह, चार पैर, दो आंखें, दो कान, दो नथुने, चार थन, एक मुंह और एक बड़ी सी पूंछ होती है।

गाय के दूध से दही, मक्खन, छाछ, पनीर, छेना और मिठाइयां आदि बनाई जाती है।

गाय का दूध बेहद लाभदायक और पोष्टिक होता है।

गाय के घी का काफी महत्व होता है।

गाय को ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी माना जाता है।

गाय भिन्न भिन्न रंग रूप और आकार की होती है।

गाय को कोई भी आम आदमी पाल सकता है।

गाय को रखने के लिए किसी विशेष स्थान की आवश्यकता नहीं होती है।

गाय हमारे लिए बहुत उपयोगी है।

किसी खुले मैदान में जा कर भी गाय अपना भोजन प्राप्त कर सकती है।

अतः गाय हमारे लिए बहुत ही अधिक लाभदायक है।

गाय पर निबंध 20 लाइन। Essay on Cow in 20 Lines in Hindi

गाय पर निबंध 20 लाइन।
गाय पर निबंध 20 लाइन।

गाय एक चौपाया जानवर है।

यह काफी अनेक रंगों की होती है।

यह कई प्रजाति की होती है।

यह एक पालतू जानवर है।

यह हरी घास, अनाज, चारा आदि चीजें खाती हैं।

गाय को देव तुल्य स्थान प्राप्त है।

भारत में गाय को माता का दर्जा दिया गया है।

गाय का शारीरिक संरचना में गाय के दो सिंह, दो कान,दो आंख, एक मुंह,चार थन, चार पैर और एक बड़ी सी पूंछ होती है।

गाय के दूध से अनेक प्रकार की चीजें बनाई जाती है।

गाय का दूध बहुत ही लाभदायक और पोष्टिक होता है।

गाय के घी का धार्मिक महत्व है।

गाय को ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी माना जाता है।

गाय भिन्न भिन्न रंग रूप और आकार की होती है।

उसे आम आदमी भी पाल सकता है।

गाय खुले मैदान में भी जाकर अपना भोजन प्राप्त कर सकती है।

गाय के शरीर में कुल 33 करोड़ देवी देवताओं का निवास माना जाता है।

यह बहुत ही शांत स्वभाव की होती है।

गाय का गोबर भी काफी पवित्र माना जाता है।

गाय से जुड़ी हुई चीजों का किसी पूजा पाठ में बहुत विशेष महत्व होता है।

अतः गाय हमारे लिए बहुत ही ज्यादा लाभदायक है।

गाय पर निबंध कक्षा 5 के लिए। 

गाय एक चौपाई जानवर है। यह काली, भूरी, उजली, चितकबरी, लाल आदि अनेक रंगों की होती है। गाय को दो कान, दो आंख, एक नाक, चार पैर,चार थन, एक मुंह और एक पूंछ होती है।

गाय दूध देती है।इसके दूध से अनेक प्रकार की मिठाइयां, पकवान जैसे पनीर, घी, मक्खन, दही आदि बनाई जाती गई।यह हरी भरी घास भूसा, पैर के हरे भरे पत्ते आदि खाती है।

गाय का दूध बच्चों से लेकर वृद्ध व्यक्तियों के लिए बहुत ही लाभदायक है। अतः गाय को हमलोग मां के समान मानते हैं।वह हमारे लिए बहुत ही ज्यादा उपयोगी और लाभदायक है।

गाय पर निबंध निष्कर्ष। 

हमें उम्मीद है की गाय पर निबंध पोस्ट आपको अच्छा लगा होगा । अगर आपके मन में कुछ सवाल है गाय पर निबंध से सम्बंधित तो आप हमें कमेंट के माध्यम से पूछ सकते है। गाय पर निबंध पोस्ट को पढ़ने के लिए धन्यबाद। 

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