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दूरदर्शन पर निबंध हिंदी में। Doordarshan Par Nibandh In Hindi [Essay]

हेलो जी स्वागत है, आपका दूरदर्शन पर निबंध पोस्ट में। अगर आप इंटरनेट पर दूरदर्शन पर निबंध पोस्ट की तलाश कर रहे हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं।

इस पोस्ट में आपको दूरदर्शन पर निबंध , दूरदर्शन होता क्या है , दूरदर्शन पर निबंध लिखा कैसे जाता है आदि और भी बहुत सारी जानकारी मिलेंगी।

तो आइए, बिना देर किए इस पोस्ट को शुरू करते हैं। अगर आपको पोस्ट अच्छा लगे तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ साझा जरूर करिएगा।

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दूरदर्शन पर निबंध हिंदी में। Doordarshan Par Nibandh In Hindi। Essay on Television in Hindi.

दूरदर्शन को हमलोग टेलीविजन के नाम से भी जानते हैं। यह आज के समय में हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है जिसे की चाह कर भी हम नजर अंदाज नहीं कर सकते हैं।

हमारे देश भारत के सिनेमा की शुरुवात 1959 से ही हुई थी, तभी यह विज्ञान के द्वारा दिया गया किसी उपहार से कम नहीं था।

छात्र वर्ग तो दूरदर्शन के दीवाने बन चुके हैं। उनके हाव भाव , आचार विचार , रहन सहन , पढ़ाई लिखाई , खेल खुद आदि सभी क्षेत्रों में दूरदर्शन ने अपना जलवा बिखेरे हुए रखा है।

दूरदर्शन पर निबंध प्रस्तावना :

आज दूरदर्शन सर्वव्यापक रूप में जीवन का अनिवार्य अंग बन चुका है। सामाजिक जीवन का कोई भी अंग या हिस्सा बिना दूरदर्शन से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता है।

मनोरंजन के क्षेत्र में तो इसने अपने सभी प्रतियोगियों को पछाड़ दिया है , उन्हें काफी पीछे छोड़ दिया है। यह सिनेमा से भी काफी सुलभ और सुविधा जनक हो गया है।

अपने घरों पर निचिंतता से बैठ कर सभी प्रकार के मनोरंजन ( चलचित्र , सीरियल , नृत्य , लोकगीत , लोकनृत्य ) का लाभ और कोई भी दर्शन इतनी आसानी से नहीं करवा सकता है।

शिक्षा के क्षेत्र में भी मनोरंजन ने काफी संभावनाओं को आसान कर दिया है।सक्रिय और प्रभावी शिक्षण प्रणाली में दूरदर्शन का मुकाबला कोई नहीं कर सकता है।

समाचार प्रसारण के लिए दूरदर्शन सबसे लोकप्रिय साधन। 

वर्तमान समय में समाचार प्रसारण के लिए दूरदर्शन सबसे लोकप्रिय साधन है। दूरदर्शन पर समाचारों के अतिरिक्त अनेक कार्यक्रम दिखाए जाते हैं, जो की निम्नलिखित हैं। 

कृषि दर्शन, व्यापार समाचार, नाटक, सुगम संगीत, प्रश्नोत्तरी, चौपाल, महिलाओं के लिए कार्यक्रम , खेलकूद प्रतियोगिताओं का सीधा प्रसारण शिक्षा कार्यक्रमों का विस्तार , ज्ञान दर्शन और फिल्मों का प्रसारण आदि अनेक कार्यक्रम दूरदर्शन पर दिखाए जाते हैं।

इन कार्यक्रमों से मनोरंजन के साथ साथ शिक्षा वो जन जागरण का प्रसार तथा ज्ञान की वृद्धि भी होती है।इन सभी कारणों से दूरदर्शन का अत्यधिक महत्व है। 

दूरदर्शन के लाभ। 

दूरदर्शन आज व्यापार का भी अभिन्न अंग बन चुका है। कौन सा वस्त्र , कौन सा भोजन , कौन सी सज्जा सामग्री , चाय , टूथपेस्ट और मसाले आपके लिए उपयोगी हैं , यह सलाह दूरदर्शन बिना कोई शुल्क लिए निरंतर दे रहा है।

कृषि संबंधी जानकारियां , मौसम संबंधी भविष्यवाणी , पारिवारिक समस्याओं का समाधान , रसोईघर की ज्ञान वृद्धि तथा सौंदर्य सुरक्षा आदि की जानकारी देने से दूरदर्शन की उपयोगिता सभी को अनुभव हो रही है।

राजनीतिक दृष्टि से तो दूरदर्शन का आज भी भारी महत्व है। जनमत के निर्माण ,राजनेताओं के विचार और आचार के दर्शन ,विश्व की राजनीतिक घटनाओं से परिचय आदि के द्वारा निरंतर राजनैतिक जागरूकता बनाए रखने में दूरदर्शन की ही भूमिका है।

सामाजिक जीवन में दूरदर्शन की उपयोगिता। 

सामाजिक जीवन में दूरदर्शन की उपयोगिता को देख कर इसे विज्ञान का वरदान माना जा सकता है। दूरदर्शन पर विश्व में घटने वाली घटनाओं का प्रसारण, मौसम की जानकारी , बाढ़ , भूकंप , प्राकृतिक दुर्घटना आदि के समाचार तत्काल ही मिल जाते हैं।

रोगों के निवारण , जनसंख्या नियंत्रण तथा सामाजिक कुप्रवृतियों को रोकने में भी इसकी काफी उपयोगिता है।

महिलाओं को दस्तकारी और गृह उद्योग के संबंध में इससे जानकारी दी जाती है और शिक्षा के क्षेत्र में यह विज्ञान का उत्तम वो श्रेष्ठ वरदान है।

दूरदर्शन से हानियां। 

दूरदर्शन का सबसे घातक प्रभाव आज कल के युवा वर्ग पर पड़ा है। युवक, युवतियों का खान पान, पहनावा ओढ़ना, हाव भाव और चरित्र आदि सभी कुछ दूरदर्शन के माध्यम से ही प्रभावित होते हैं।

हिंसा, अशिलता, उद्दंडता, शिक्षा से अरुचि, सामाजिक मर्यादाओं की उपेक्षा बाजारू प्रेम प्रसंग सभी कुछ दूरदर्शन  सहायक बन रहा है।

राजनीतिक दृष्टि से भी इसका दुरुपयोग हो रहा है। इसके माध्यम से सत्तारूढ़ दल के प्रचार को काफी अधिक महत्व दिया जा रहा है।

स्वास्थ्य की दृष्टि से भी दूरदर्शन काफी हानिकारक है।निरंतर कोई भी चीज दूरदर्शन पर देखने से आंख की रोशनी का ह्रास होता है , मानसिक तनाव और आंगिक जरता आदि रोग भी दूरदर्शन ही दे रहा है।

दूरदर्शन में बच्चे की रुचि। 

दूरदर्शन में बच्चे मनोरंजन में अधिक रुचि लेने से पढ़ने में जी चुराते हैं। टेलीविजन पर धारावाहिक कार्यक्रमों वो एक्शन फिल्मों के प्रसारण से नवयुवकों पर गलत प्रभाव पर रहा है।

चोरी , बलात्कार , कुकृत्य आदि की प्रवृति इससे बढी है। इस पर अश्लील विज्ञापनों का प्रसारण होने पर हमारी पारिवारिक संस्कृति पर काफी बुरा असर परा है।

इस तरह के गलत प्रभावों के कारण दूरदर्शन को वरदान के साथ साथ अभिशाप भी माना जाता है। आज का युग मनोरंजन की दृष्टि से टेलीविजन की उपयोगिता है।

इससे संसार की नवीनतम घटनाओं , समाचारों आदि की जानकारी मिलती है तथा लोगों के ज्ञान का विकास भी होता है।

आर्थिक वो सामाजिक विकास में इसका महत्व सर्वमान्य है परंतु इसके दुष्प्रभाओं से युवकों को मुक्त रखा जाए , यह भी अपेक्षित है।

दूरदर्शन पर निबंध निष्कर्ष :

अतः उपर्युक्त तथ्यों के माध्यम से दूरदर्शन पर निबंध को बहुत ही अच्छी तरह से समझा जा सकता है। लाभ और हानियों पर विचार विमर्श करने के पश्चात भी दूरदर्शन की महत्वपूर्ण भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है।

प्रत्येक आविष्कार का दुरुपयोग या सदुपयोग मनुष्य के उपयोग करने के उपर ही निर्भर करता है। दूरदर्शन के व्यापक प्रचार प्रसार और प्रभाव का सदुपयोग करके उसे समाज का परम मित्र , मार्ग दर्शक और सहयोगी बनाया जा सकता है।

यह अपना एक प्रबल प्रभाव छोड़ने वाला माध्यम है। उसे अपने सामाजिक दायित्व पर पूरा ध्यान देना चाहिए।केवल व्यावासिक लाभ को ही ध्यान में नहीं रखना चाहिए।

दूरदर्शक के धारावाहिकों का एक नैतिक स्तर होना चाहिए, सरकार को भी इस दिशा में कोई ठोस उपाय करने चाहिए।

आज कल के दूरदर्शन में हम चित्र देखने के साथ साथ इंटरनेट का भी प्रयोग बड़ी आसान तरीके से कर सकते हैं। टीवी को हमें अपने द्वारा तय किए गए काफी निर्धारित समय में ही देखना चाहिए।

नहीं तो आंखों से कम दिखना, अनिंद्र की समस्या, सिर दर्द आदि जैसी अनेक समस्याओं का सामना करना पर सकता है।

दूरदर्शन का शिक्षा के क्षेत्र में भी बहुत बड़ा योगदान रहा है , आज के समय में बच्चे अपने अपने घरों में बैठ कर ही बहुत आसान वो सुलभ तरीके से शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं और यह सब विज्ञान की देन है।

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दूरदर्शन पर निबंध 400 शब्दों में। Essay on Television in Hindi in 400 words.

दूरदर्शन पर निबंध 400 शब्दों में। 
दूरदर्शन पर निबंध 400 शब्दों में।

विज्ञान ने हमें एक से बढ़ कर एक अद्भुत उपकरण दिए हैं, उन्हीं अद्भुत उपकरणों में से दूरदर्शन भी एक अदभुत उपकरण है।

दूरदर्शन एक ऐसा उपकरण है जिसे कुछ समय पहले केवल और केवल कल्पना की वस्तु ही समझा जाता था। यह आधुनिक युग में मनोरंजन के साथ साथ सूचनाओं की प्राप्ति का महत्वपूर्ण साधन भी है।

पहले इसका प्रयोग महानगरों के केवल और केवल संपन्न घरों तक सीमित था परंतु वर्तमान में इसकी पहुंच शहर और गांव के घर घर तक हो गई है।

आधुनिक युग में टेलीविजन या दूरदर्शन मनोरंजन का सबसे लोकप्रिय साधन है। यह विज्ञान के द्वारा दिया गया ज्ञान वर्धक अनोखा आविष्कार है।

दूरदर्शन अर्थात टेलीविजन का सर्वप्रथम प्रयोग 25 जनवरी 1926 को इंग्लैंड के एक इंजीनियर जॉन बेयर्ड ने किया था। वर्तमान में समाचार प्रसारण के लिए दूरदर्शन सबसे लोकप्रिय साधन है।

दूरदर्शन पर समाचारों के अतिरिक्त और भी बहुत सारे कार्यक्रम दिखाए जाते हैं। उपग्रह संबंधी प्रसारण की सुविधा के कारण इस पर भर मार हो गई है।

कभी मात्र दो चैनल पर सीमित रहने वाले दूरदर्शन पर आज के समय में बहुत सारे चैनल हो गए हैं। बस रिमोट कंट्रोल उठाकर अपना मन पसंद चैनल लगाने और अपनी अपनी रुचि के अनुसार कार्यक्रम देखने की देर रहती है।

आज दूरदर्शन का फिल्म , धारावाहिक , समाचार , गीत संगीत , लोकगीत, लोकनृत्य , वार्ता , खेलों के प्रसारण , बाजार भाव , मौसम का हाल , विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रम तथा हिंदी अंग्रेजी के अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में प्रसारण की सुविधा के कारण यह महिलाओं , युवाओं और हर आयु वर्ग के लोगों में काफी लोकप्रिय है।

अपनी उपयोगिता के कारण दूरदर्शन आज विलसित की वस्तु ना हो कर एक आवश्यकता की वस्तु बन गई है। बच्चे , बूढ़े , युवा , प्रौढ़ और महिलाएं इसे समान रूप से पसंद करती है।

इस प्रकार प्रसारित रामायण और महाभारत जैसे कार्यक्रम ने इसे जनमानस तक पहुंचा दिया। उस समय लोग इन कार्यक्रमों के प्रसारण के पूर्व ही अपना काम समाप्त या बंद कर इसके सामने आ कर बैठ जाते थे।

गली तथा शहरों में सरकें काफी सुनसान हो जाती थी। आज भी विभिन्न देशों का जब भारत के साथ क्रिकेट मैच होता है तो इसका असर जनमानस पर देखा जा सकता है।

लोग सब कुछ भूल कर ही दूरदर्शन से चिपक जाते हैं और बच्चे पढ़ना भूल जाते हैं। आज भी महिलाएं चाय बनाने जैसे छोटे छोटे काम तभी निबटाती हैं जब धारावाहिक के बीच विज्ञापन आता है।

दूरदर्शन पर निबंध 250 शब्दों में। Essay on Television in Hindi in 250 words.

दूरदर्शन पर निबंध 250 शब्दों में। 
दूरदर्शन पर निबंध 250 शब्दों में।

जैसा की हमलोग बहुत ही अच्छे से जानते हैं की दूरदर्शन हम सब के लिए बहुत ही अधिक लाभकारी है। यह वर्तमान में सबसे सस्ता और सुलभ मनोरंजन का साधन है।

इस पर मात्र बिजली और कुछ रुपए के मासिक खर्च पर मनचाहे कार्यक्रमों का आनंद उठाया जा सकता है। दूरदर्शन पर प्रसारित फिल्मों ने अब सिनेमा के टिकट की लाइन में लगने से मुक्ति दिला दी है।

अब फिल्म हो या कोई प्रिय धारावाहिक , घर बैठे इनका सपरिवार आनंद लिया जा सकता है। दूरदर्शन पर प्रसारित समाचार ताजी और विश्व के किसी भी कोने में घट रही घटनाओं के चित्रों के साथ प्रसारित की जाती है जिससे की इसकी विश्वसनीयता और भी अधिक बढ़ जाती है।

इनमें हम दुनियां के किसी भी कोने का हाल समाचार घर बैठे ही बहुत आसान तरीके से जान सकते हैं।

इस तरह जिन स्थानों को हम पर्यटन के माध्य से साक्षात नहीं देख पाते हैं या फिर जिन्हे देखने के लिए न हमारी जेब अनुमति देती है और ना हमारे पास समय होता है , तो दूरदर्शन उसे साक्षात हमारे सामने तुरंत प्रस्तुत कर देता है।

दूरदर्शन के माध्यम से हमें विभिन्न प्रकार का शैक्षिक और व्यवसायिक ज्ञान होता है।इन पर एनसीईआरटी के विभिन्न कार्यक्रम काफी रोचक ढंग से प्रस्तुत किए जाते हैं।

इसके अलावा रोजगार , व्यवसाय , खेती बारी संबंधी विविध जानकारियां भी मिलती है।

दूरदर्शन पर निबंध 100 शब्दों में। Essay on Television in Hindi in 100 words.

दूरदर्शन पर निबंध 100 शब्दों में।
दूरदर्शन पर निबंध 100 शब्दों में।

जैसा की हम लोग बहुत ही अच्छे से जानते हैं की दूरदर्शन हमारे लिए बहुत ही अधिक उपयोगी उपकरण है।

यह आज के समय में हर घर में अपनी पैठ बना चुका है। इसका दूसरा पक्ष भले ही अधिक उज्ज्वल ना हो ,पर इससे दूरदर्शन की उपयोगिता कम बिलकुल भी नहीं होती है।

दूरदर्शन के कार्यक्रम कितनी भी देर देखना है, कैसे देखना है , कब देखना है , कौन से कार्यक्रम देखने हैं आदि यह सब हमारी बुद्धि विवेक पर निर्भर करता है। इसके लिए दूरदर्शन बिलकुल भी दोषी नहीं है।

दूरदर्शन का प्रयोग सदेव सोच समझ कर ही करना चाहिए जिससे की हमेशा हमारे लिए लाभकारी ही साबित हो सके।

दूरदर्शन पर निबंध 10 लाइंस। Essay on Television in Hindi in 10 Lines.

दूरदर्शन पर निबंध 10 लाइंस। 
दूरदर्शन पर निबंध 10 लाइंस।

दूरदर्शन को हमलोग टेलीविजन भी कहते हैं जिसका मतलब दूर के स्थानों को अपनी आंखों से देखना या दर्शन करना दूरदर्शन के नाम से जाना जाता है।

प्रथम दूरदर्शन का आविष्कार जॉन लोगी बेयर्ड ने सन 1925 में लंदन में किया था।दूसरा वर्किंग टेलीविजन 1927 में फिल्मों फांसवर्थ ने बनाया।

पहले के टीवी ब्लैक एंड व्हाइट होते थे जिनमे की चित्र ज्यादा साफ साफ नजर नहीं आते थे और एंटीना से सिग्नल लाने के लिए काफी मेहनत करनी परती थी।

टीवी से हम देश विदेश की घटनाओं को देख सकते हैं , मनोरंजन कर सकते हैं , मौसम का हाल समाचार जान सकते हैं और अन्य भी कई प्रकार की जानकारी ले सकते हैं।

बच्चों को टीवी पर कार्टून देखना , कहानियां सुनना सबसे ज्यादा पसंद रहता है।

टीवी के द्वारा जानकारी मिलने से हम उसके प्रति हमेशा जागरूक रहते हैं जो की हमारे वो हमारी सुरक्षा दोनो के लिए बहुत ही अधिक जरूरी है।

आजकल टीवी पर फैशन और अश्वीलता को बहुत ही अधिक दिखाया जाता है , जिसका गलत प्रभाव  बच्चों और युवाओं पर आसानी से देखा जा सकता है।

टीवी ने हमारे जीवन में अपना महत्वपूर्ण योगदान जरूर दिया है परंतु इसमें दिखाए गए गलत तरीकों को भी लोग अपना रहे हैं जो की उनके वो उनके आस पास के लोग यानी की सबों के लिए काफी नुकसान देय है।

आज कल बचपन में ही बच्चे बहुत ज्यादा टीवी देखते हैं जिससे की उनकी आंखों कर काफी गहरा असर होता है और परिणामतः उनकी आंखों की रोशनी कम हो जाती है।

इसलिए सभी बच्चों के माता पिता से नम्र निवेदन है की ना तो आप खुद ज्यादा टीवी देखें और ना ही अपने बच्चों को ज्यादा टीवी देखने दे।क्योंकि बच्चे बड़ों की ही नकल करते हैं।

दूरदर्शन पर निबंध निष्कर्ष : 

हमें उम्मीद है की दूरदर्शन पर निबंध पोस्ट आपको अच्छा लगा होगा । अगर आपके मन में कुछ सवाल है दूरदर्शन पर निबंध से सम्बंधित तो आप हमें कमेंट के माध्यम से पूछ सकते है।

दूरदर्शन पर निबंध को पढ़ने के लिए धन्यबाद।

Sonam Kumari

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